मोतीपुर रेंज: पशुओं को निवाला वनाने वाला तेंदुआ पिंजड़े में हुआ कैद 

Update: 2018-08-24 07:59 GMT

बहराइच: मोतीपुर रेंज अंतर्गत शायपुर लगदिहा गांव में कई दिनों से तेंदुआ निकल रहा था। तेंदुआ जंगल से बाहर निकलकर ग्रामीणों पर हमले के साथ पशुओं को निवाला बना रहा था। इससे ग्रामीण काफी परेशान थे। ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग ने तीन दिन पूर्व गांव में पिंजरा लगाया था। गांव के ग्रामीण के गन्ने के खेत में तेंदुआ पिंजरे में प्रवेश करते ही कैद हो गया। गश्ती वनकर्मियों की सूचना पर पहुंची टीम ने तेंदुए का रेस्क्यू कर उसे रेंज कार्यालय लाया। यहां पर स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे गेरुआ पार के जंगल में छोड़ दिया जाएगा। पकड़ा गया तेंदुआ मादा है।

कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के जंगलों से तेंदुए बाहर निकलकर गांवों की ओर से रुख कर रहे हैं। पिछले एक माह से तेंदुए की दस्तक गांवों में अधिक बढ़ गई है। लेकिन विभाग के अधिकारी भी लाचार हैं। संरक्षित वन क्षेत्र के मोतीपुर रेंज अंतर्गत शायपुर लगदिहा गांव जंगल से सटा हुआ है। गांव में एक माह से तेंदुए की दहशत ग्रामीणों में थी। तेंदुआ जंगल से बाहर निकलकर पालतू कुत्ते, पशुओं को निवाला बना रहा था। गांव के चार ग्रामीणों पर भी हमला किया था। इससे ग्रामीण काफी नाराज थे।

मोतीपुर रेंज: पशुओं को निवाला वनाने वाला तेंदुआ पिंजड़े में हुआ कैद

ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग ने गांव निवासी मुजीब के गन्ने के खेत में तीन दिन पूर्व पिंजरा लगाकर बकरी बांध दिया था। तेंदुआ बकरी का शिकार करने के लिए पिंजरे में पहुंच गया। पिंजरे में पहुंचते ही फाटक नीचे गिर गया। तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। गश्ती टीम के वनकर्मियों ने सूचना रेंज कार्यालय पर दी। तेंदुए के कैद होने की जानकारी पाकर टीम लीडर डिप्टी रेंजर सत्रोहन लाल, वन दरोगा टेकनरायन प्रताप, वन्यजीव रक्षक विजय पाल, परशुराम त्रिपाठी, एसटीएफ के जवान मौके पर पहुंचे। सभी ने ग्रामीणों के सहयोग से तेंदुए का रेस्क्यू कर उसे रेंज कार्यालय लेकर आए।

डीएफओ जीपी सिंह ने बताया कि रेंज कार्यालय लाकर पशु चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद तेंदुए को गेरुआ पार के घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा। पिंजरे में कैद तेंदुआ मादा है। उसकी उम्र दो से ढाई वर्ष के आसपास है।

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