Khatauli by-Election: खतौली विधानसभा सीट पर होगा 5 दिसंबर को उपचुनाव

Khatauli Assembly by-Election: BJP विधायक विक्रम सिंह को मुजफ्फरनगर दंगे में एमपी-एमएल कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई।

Report :  Amit Kaliyan
Update: 2022-11-08 07:04 GMT

प्रतीकात्मक चित्र 

Muzaffarnagar's Khatauli assembly by-election: मुजफ्फरनगर के खतौली विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। आगामी 05 दिसंबर को खतौली सीट के लिए वोटिंग होगी। ये सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक विक्रम सिंह की सदस्यता रद्द होने से रिक्त हुई है। निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान करते हुए जानकारी दी कि, इस सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होगा।

आयोग ने बताया कि, 10 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी जबकि 17 नवंबर तक नामांकन भरे जाएंगे। 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 21 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। इसके अलावा, 8 दिसंबर को मतगणना होगी। आयोग ने कहा कि इस विधानसभा सीट पर 10 दिसंबर तक उप चुनाव संपन्न हो जाने चाहिए।

क्यों रिक्त हुई सीट?

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुजफ्फरनगर दंगे मामले में दो साल की सजा सुनाई। जिसके 27 दिन बाद विधानसभा सचिवालय ने खतौली विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया। सोमवार को इस आशय में आदेश जारी किया गया। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के अनुसार, विक्रम सिंह सैनी की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता भी 11 अक्टूबर 2022 से स्वत: रद्द हो चुकी है। इसीलिए अब इस सीट पर भी निर्वाचन आयोग उप चुनाव कराने जा रहा है। जिसके लिए आज तारीखों का ऐलान हो गया। 

अधिसूचना में क्या?

बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर की सांसद-विधायक अदालत ने 11 अक्टूबर, 2022 को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे की तरफ से अधिसूचना जारी कर कहा गया कि, विक्रम सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन (2022) में खतौली विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। अधिसूचना के अनुसार, मुजफ्फरनगर के जानसठ थाना क्षेत्र में दर्ज मुकदमे की धारा 147 (बलवा), 148 (हथियारों से लैस होकर बलवा करना) धारा- 336 (मानव जीवन को खतरा उत्पन्न करना), 149 (विधि विरुद्ध जन समूह का नेतृत्व और सभा में शामिल होना), 353 (लोक सेवक पर हमला), 504 (जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत विशेष सत्र न्‍यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट ने विक्रम सैनी को दो साल कारावास तथा 5000 अर्थदंड से दंडित किया है। इसलिए सर्वोच्च अदालत के 10 जुलाई, 2013 के फैसले के अनुसार 11 अक्टूबर, 2022 से सैनी को अयोग्य माना जाएगा।



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