Bikru Case: खुशी दुबे 30 महीने बाद जेल से रिहा, बिकरू कांड के हमलावरों को उकसाने का था आरोप, पति का हुआ था एनकाउंटर

Bikru Case Khushi Dubey: 30 महीने जेल में बिताने के बाद खुशी दुबे जेल से रिहा हो गई हैं। बिकरू कांड में हमलावरों को उकसाने के आरोप में उन्हें जेल हुई थी। उनके पति अमर दुबे का एनकाउंटर हुआ था।

Written By :  aman
Update: 2023-01-21 15:19 GMT

खुशी दुबे 

Khushi Dubey News: बिकरु कांड में आरोपी खुशी दुबे जमानत के बाद शनिवार (21 जनवरी) को जेल से रिहा हुई। कानपुर के चर्चित बिकरु कांड की आरोपी खुशी दुबे शनिवार शाम को जेल से बाहर आईं। 30 महीने के बाद खुशी दुबे जेल से बाहर आईं। सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को खुशी को जमानत दे दी थी। लेकिन, जमानत सहित दस्तावेजी कार्यवाही में 18 दिन का समय लग गया।

कानपुर देहात में 30 महीने से जेल में बंद बिकरू कांड की आरोपित खुशी दुबे की शनिवार को जेल से रिहाई हो गई।किशोर न्याय बोर्ड से शुक्रवार को रिहाई परवाना जेल भेज दिया था। जिसके बाद शनिवार को जेल प्रशासन ने प्रक्रिया को पूरा करते हुए खुशी दुबे को रिहा कर दिया है जेल से छूटते ही खुशी दुबे अपनी मां को देखकर भावुक हो गई और उनके गले लग कर रोने लगी। इस दौरान भावुक खुशी दुबे ने कहा कि उसे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उसे न्याय जरूर मिलेगा।

इस हालत में नहीं हूं कि कुछ बोल सकूं

कानपुर देहात जेल से रिहा होते ही अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित के साथ जेल से बाहर आते ही खुशी दुबे ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं अभी इस हालत में नहीं हूं कि आपको कुछ बता सकूं। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि 4 जुलाई 2020 तारीख को मैं थाने गई थी और 8 तारीख 2020 को जेल भेज दी गई थी। मुझे और कुछ नहीं पता है कि क्या हुआ था लेकिन मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि मुझे न्याय मिलेगा।

क्या था मामला?

कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई, 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने फायरिंग कर दी थी।घटना में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले में मुठभेड़ में मारे जा चुके अमर दुबे की पत्नी खुशी के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने फर्जी दस्तावेज लगा सिम कार्ड लेने की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी,जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था और वही बिकरू कांड में पुलिस ने खुशी दुबे को सह आरोपी बनाया था जिसके चलते वह कानपुर देहात जेल में बंद चल रही थी।

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