Lucknow News: शिवाजी की जयंती मनाने को लेकर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विवि में हंगामा, छात्रों और वार्डन के बीच बहस
Lucknow News: मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय में विवाद हो गया। विश्वविद्यालय के छात्र हॉस्टल के परिसर में जयंती मनाना चाह रहे थे लेकिन वार्डन ने उन्हें रोक दिया।
Lucknow News: मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय में विवाद हो गया। विश्वविद्यालय के छात्र हॉस्टल के परिसर में जयंती मनाना चाह रहे थे लेकिन वार्डन ने उन्हें रोक दिया। इस पर दोनों के बीच जमकर बहस हुई। छात्रों के आग्रह के बावजूद वार्डन शिवाजी की जयंती मनाने देने के लिए तैयार नहीं हुए हैं। उन्होंने सभी छात्रों से फौरन अपने कमरे में जाने को कहा। मामला रविवार का है, जिसका वीडियो अब जाकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
वार्डन ने जयंती मनाने से रोका
मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विवि के सुभाष चंद्र बोस हॉस्टल के कुछ छात्र शिवाजी महाराज की जयंती उनकी तस्वीर लगाकर मना रहे थे। तभी वार्डन ने परमिशन न होने का हवाला देते हुए छात्रों को जयंती मनाने से रोक दिया। इसके बाद छात्रों और वार्डन के बीच बहस हो गया, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वार्डन बोल रहे हैं कि बिना परमिशन के जयंती नहीं मना सकते। छात्रों ने इस पर कहा कि परमिशन मिलती कहां है।
प्रॉक्टर ने सुलझाया विवाद
मामले की जानकारी मिलने के बाद विश्वविद्यालय नीरज शुक्ला मौके पर पहुंचे और छात्रों को हॉस्टल में कमरे के अंदर जयंती मनाने की अनुमति दी। इसमें छात्रों के साथ – साथ प्रॉक्टर, वार्डन समेत विवि के अन्य स्टॉफ भी शामिल हुए। इस पूरे विवाद पर प्रॉक्टर शुक्ला ने कहा कि परिसर में किसी भी प्रकार के आयोजन के लिए अनुमति अनिवार्य होती है। इसलिए छात्रों को रोका गया था।
जेएनयू में हुआ था भारी बवाल
वामपंथी और दक्षिणपंथी छात्र संगठनों के बीच संघर्ष का मैदान बन चुका दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एकबार फिर शिवाजी महाराज के जयंती के मौके पर उबल उठा। एबीवीपी के कार्यकर्ता और वामपंथी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ यानी JNUSU पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अपमान करने का आरोप लगाया था।