कुंभ मेला 2019: श्रद्धालुओं के लिए एयर व रिवर एम्बुलेंस के साथ ‘क्विक रिस्पांस‘ टीम

कुंभ मेले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए इस बार ‘एयर‘ व ’रिवर एम्बुलेंस‘ की व्यवस्था की गई है। इसकी सुविधा मेले में आरंभ हो गई है। श्रद्धालुओं को जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस से ‘पीजीआइ‘ या ‘एम्स‘ पहुंचाया जाएगा। यह विभाग मेले में सफाई और इलाज के साथ ही आपदा प्रबंधन का भी काम कर रहा है।

Update:2019-01-07 12:30 IST

प्रयागराज: कुंभ मेले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए इस बार ‘एयर‘ व ’रिवर एम्बुलेंस‘ की व्यवस्था की गई है। इसकी सुविधा मेले में आरंभ हो गई है। श्रद्धालुओं को जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस से ‘पीजीआइ‘ या ‘एम्स‘ पहुंचाया जाएगा। यह विभाग मेले में सफाई और इलाज के साथ ही आपदा प्रबंधन का भी काम कर रहा है।

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इसके तहत किसी भी आपदा की स्थिति में श्रद्धालुओं को तत्काल राहत देने की तैयारी की गई है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स ‘एनडीआरएफ‘ के विशेषज्ञों की तरफ से चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ‘क्विक रिस्पांस‘ टीम भी बनाई गई है जो तत्काल मौके पर पहुंचकर इलाज करेगी। इनके पास डिजास्टर किट उपलब्ध होगी जिसमें प्राथमिक इलाज से संबंधित सभी सामान माजूद रहेंगे। इसी क्रम में मेला क्षेत्र के नजदीकी निजी चिकित्सालयों को भी जानकारी दी गई है। उनसे कहा गया है अगर एक साथ बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं को किसी तरह के इलाज की जरूरत पड़ी तो वह अपने अस्पतालों में उनका निःशुल्क इलाज करेंगे।

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कुछ ऐसी रहेगी व्यवस्था :

1-स्वास्थ्य विभाग के लिए 234 करोड़ रुपये का बजट।

2-100 बेड़ के केन्द्रीय अस्पताल में अल्ट्साउंड, ईसीजी, पैथालॉजी और एक्स-रे की सुविधा।

3-मेला क्षेत्र में 25 फर्स्ट एड पोस्ट और मेला क्षेत्र के बाहर 10 आउट हेल्थ पोस्ट।

4-86 नई एम्बुलेंस की सुविधा।

5-20-20 बेड के 11 सर्किल अस्पताल और 20 बेड के दो संक्रामक अस्पताल।

6-1,22,500 टॉयलेट के साथ ही 20 हजार यूरिनल की व्यवस्था।

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा

कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने और उनकी अभेद्य सुरक्षा को लेकर व्यापक बंदोबस्त किये गए हैं। जल, थल और नभ तीनों के जरिए सुरक्षा की जाएगी। इसके लिए सेना और वायु सेना लगाई गई है। पुलिस, पीएसी और अर्द्धसैनिक बलों की बटालियन की तैनाती की गई है। करीब 55 हजार जवान मेले में तैनात हो गए हैं। इसके अलावा कमांडो भी मुस्तैद किए गए हैं। मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारी कई बैठकें कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने मेले के प्रवेष मार्गों से लेकर स्नान घाटों, पांटून पुलों और प्रमुख मार्गों की सुरक्षा की गहन समीक्षा की है। मेले में 12-13 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में यातायात की बड़ी योजना बनायी गई है। भीड़ और यातायात व्यवस्था के तहत प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी को भी प्रोटोकाल की सुविधा नहीं मिलेगी। ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। वैसे तो मेले में किसी भी तरह के वाहन नहीं चलेंगे किंतु विषम परिस्थितियों में एम्बुलेंस, चिकित्सकों और पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड के वाहनों को संचालन की छूट दी गई है। यमुना में नाव भी नहीं चलेगी जिसके लिए रूट और स्थान निर्धारित कर दिया गया है।

आस्था के सम्मान को पुष्प वर्षा

अयोध्या की तर्ज पर कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की आस्था को पूरा सम्मान देने के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने की योजना बनायी गई है। मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह करीब चार घंटे पुष्प वर्षा होगी। करीब 18 कुंतल चमेली, गेंदा और गुलाब के फूल कई जनपदों से मंगाए जाएंगे। इसकी व्यवस्था प्रयागराज मेला प्राधिकरण कर रहा है। बड़े वाहनों के जरिए आने वाले ये फूल अरैल स्थित हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर में रखे जाएंगे।

मोबाइल पर ही मिल जाएगी जानकारी

कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें परेशान न होना पड़े। श्रद्धालुओं को कब और कहां से बस, रेलगाड़ी या फिर हवाई जहाज की सुविधा मिलेगी इसकी पूरी जानकारी मोबाइल पर सुलभ होगी। पार्किंग स्थलों और संगम क्षेत्र पहुंचने वाले मार्गों की सूचनाएं भी दी जाएंगी। किस मार्ग पर भीड़ है और किस मार्ग से आवागमन सुचारूपूर्ण ढंग से हो सकता है, इसके विकल्प भी अपडेट होते रहेंगे। इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है जो सभी विभागों से तालमेल कर सूचनाएं अपडेट कराएगी। सोशल साइट्स पर सभी सूचनाएं दस जनवरी से अपडेट होने लगेंगी।

मांग करने पर मिलेगी रसोई गैस

कुंभ मेले में श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, अखाड़ों, मठों व धार्मिक संस्थाओं की मांग पर उन्हें बाजार भाव पर घरेलू गैस सिलिंडर उपलब्ध कराये जाएंगे। इसके लिए जहां मेला क्षेत्र में पांच गोदाम बनाए गए हैं वहीं दस गैस एजेन्सियां खोली गई हैं। मेले में लगभग डेढ़ लाख गैस सिलिंडर रिफिल करने की योजना है। इसके अतिरिक्त घरेलू गैस के 20 हजार नये कनेक्षन भी दिये जाएंगे जिसे श्रद्धालु अपने पते पर स्थानान्तरित भी करा सकेंगे। मेला क्षेत्र केशिविर में सिलिंडर पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई है।

वाहनों के लिए 95 पार्किंग स्थल

मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए कुल 95 पार्किंग स्थल चिन्हित किये गए हैं। अगर वे पार्किंग स्थल पर वाहन खड़ा करते हैं तो उन्हें निर्धारित शुल्क के साथ 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी भी देना होगा। इसके लिए तीन एजेन्सियों को मार्च तक के लिए टेंडर दिया गया है। ऐसे स्थलों के लिए पार्किंग शुल्क पांच से दो सौ रुपये तक निर्धारित किया गया है। हालांकि पार्किंग स्थलों पर मेला प्रशासन की तरफ से टॉयलेट, बाथरूम, भोजन के लिए कमरे के साथ ही सुरक्षा जैसी सुविधाएं भी सुलभ करायी जा रहीं हैं। झूंसी में 35 हजार वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

सड़कें कर रहीं कुंभ की महिमा का बखान

प्रयागराज की सड़कें भी ‘कुंभ‘ की महिमा का बखान कर रही हैं। नगर और मेला क्षेत्र की सड़कों पर कुंभ की गौरव गाथा लिखी गई है। ‘कुंभ की कहानी, प्रयाग की जुबानी‘ थीम पर पौराणिक महत्व के साथ चित्र भी प्रदर्षित किए गए हैं। कुंभ मेला और नगर क्षेत्र के प्रमुख चौराहों पर डिजिटल साइनेज लगाए गए हैं जहां रातोंदिन कुंभ की महिमा का बखान करते हुए वीडियो दिखाए जा रहे हैं। डिजिटल साइनेज पर समय-सयम पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी। इसी स्क्रीन से खोया और पाया जैसी सूचनाएं भी श्रद्धालुओं को दी जाएंगी।

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