Kushinagar News: नहीं हुई चीनी मिल और गंडक नदी पर चर्चा, जातीय गणित से लड़ा जा रहा चुनाव
Kushinagar News: क्षेत्र के किसान गन्ने की खेती तो कर रहे हैं लेकिन गन्ने के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। मगर नेताओं ने जातीय समीकरम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
Kushinagar News: कुशीनगर लोकसभा का चुनाव एक जून को होना है। चुनाव प्रचार थम गया है लेकिन नेता अपने-अपने जातिय नेताओं को माध्यम से दूर दूर सम्पर्क करा रहे हैं। जनपद में हुए चुनावी सभा में प्रमुख दलों ने खूब जातीय गणित साधने का प्रयास किया। चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हैं। कुशीनगर की मुख्य समस्या गन्ना गंडक और गांव है। चीनी का कटोरा कहा जाने वाला यह क्षेत्र आज बंद पड़ी चीनी मिलों की समस्या से जूझ रहा है। जनपद में निगम की तीन चीनी बनानें की मिले बहुत पहले ही बंद हो चुकी है।
लंबे समय से बंद है चीनी मिल
निजी क्षेत्र की कप्तानगंज की चीनी मिल योगी सरकार में ही किसानों का करोड़ों बकाया लगाकर बंद हो गई। आज इस क्षेत्र के किसान गन्ने की खेती तो कर रहे हैं लेकिन गन्ने के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कुशीनगर की माटी गन्ने की फसल के लिए सर्वाधिक अनुकूल मानी जाती है। किसान गन्ना बोकर उसी से अपने परिवार का भरण-पोषण पोषण करता है। जब यूपी में बसपा सरकार थी तो उसे समय निगम की रामकोला खेतान, लक्ष्मीगंज और कठकूइयां की चीनी मिल बंद हो गई और उसे औने-पौने दामों पर भेज दिया गया। वर्तमान योगी सरकार ने चीनी मिलों की बिक्री पर जांच बैठा कर ईडी के हवाले कर दिया है।
चीनी मिल और गंडक नदी की किसी ने नहीं की चर्चा
जनपद में एक से बढ़कर एक नेताओं का आगमन हुआ चुनावी सभा भी हुई लेकिन किसी ने गन्ना किसानों की समस्याओं पर चर्चा तक नहीं की। जनपद की दूसरी सबसे बड़ी समस्या गंडक नदी है। जनपद के उत्तरी हिस्से में गंडक नदी बहती है जो बरसात में जनपद के इस भाग में काफी तबाही मचाती है। इस क्षेत्र में अभी भी तमाम गांव ऐसे हैं जो विकास की कड़ी से काफी दूर हैं। इस बार के चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब रहे सभी दलों के नेता जातीय गणित साधने में लग रहे। जातीयों के बदौलत अपने प्रत्याशी की जीत हासिल करने की जुगत में लगे रहे। पडरौना में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की चुनावी सभा में सभा प्रत्याशी अजय सिंह पिंटू खुलेआम अपने समाज के लोगों से चुनाव जीताने की अपील करते हुए देखे गए।