Kushinagar News: पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह के बदले सुर से बढ़ी सियासी हलचल

Kushinagar News: सपा ने कांग्रेस से गठबंधन कर देवरिया सीट को कांग्रेस के खाते में दे दी है। इसको लेकर पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह नाराज दिखाई दे रहे हैं।

Update:2024-02-28 12:25 IST

पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह सपा नेता अखिलेश यादव के साथ source: social media 

Kushinagar News: पूर्वांचल के चर्चित किसान नेता व पूर्व राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह का पार्टी नेतृत्व द्वारा लगातार उपेक्षा करने से उनका दर्द छलक कर बाहर आया। पूर्व मंत्री ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर अपने दर्द की बयां करते हुए शीर्ष नेतृत्व से कह रहे हैं कि आखिर कब तक उनकी वफादारी और ईमानदारी का इम्तिहान लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों और अपने समर्थकों के परामर्श के उपरांत ही वह कोई कदम उठाएंगे। राधेश्याम सिंह के दर्द भरे बयान से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यदि राधेश्याम सिंह अपना पाला बदलते हैं तो सपा को पूर्वांचल के कई जिलों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पूर्व मंत्री बोले मेरे धैर्य का इम्तिहान कब तक

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर पिछले वर्ष देवरिया लोकसभा के प्रभारी बनने के बाद से ही राधेश्याम सिंह जनपद के हर गांव का दौरा कर अपना जन आधार मजबूत कर चुके है। वह मान चुके थे कि देवरिया से पार्टी उन्हें प्रत्याशी बनाएगी। लेकिन ऐन वक्त पर सपा ने कांग्रेस से गठबंधन कर देवरिया सीट को कांग्रेस के खाते में दे दिया है। इसको लेकर पूर्व मंत्री नाराज हैं और उनके बदले सुर ने सियासी हलचलों को तेज़ कर दिया है। 32 वर्षों से सपा को सूबे में मजबूती दिलाने वाले राधेश्याम सिंह शीर्ष नेतृत्व की उपेक्षा से आहत हैं। उन्होंने फेसबुक, एक्स ,इंस्टाग्राम पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को टैग करते हुए नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि "32 सालों से पार्टी को सेवा दे रहा हूं। कभी स्वार्थ के लिए दल नहीं बदला। आज राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में पार्टी के अपने ही बदल रहे हैं। लेकिन मैं जब निर्दल चुनाव जीता था तो मुलायम सिंह ने जहां हाथ रखा वही मैं भी हाथ रख दिया।"


संघर्षों के लिए जाने जाते हैं राधेश्याम सिंह

राधेश्याम सिंह ऐसे किसान नेता हैं जो आज भी पूर्वांचल में संघर्षों के लिए जाने जाते हैं। 1992 की आंदोलन के उपरांत किसान नेता के रूप में उभरे राधेश्याम सिंह का कुशीनगर, देवरिया महाराजगंज, गोरखपुर आदि सहित पूर्वांचल के कई जिलों में उनकी छाप है। कुशीनगर और देवरिया जनपद के प्रत्येक गांव, गलियारों की समस्याओं को बखूबी जानते हैं। जब वह किसी भी सभा के मंच पर भाषण देते हैं तो सभा में आए अधिकतर लोगों को नाम से पुकारते हैं। उनके लोकप्रियता की एक खासियत यह भी है। दोनों जनपदों का कोई ऐसा गांव नहीं है जहां उनके समर्थक न हो। राधेश्याम सिंह के पास जब कोई भी पीड़ित पहुंचता है तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को कॉल करते हैं। उनके कॉल जाते ही अधिकारी हिल जाते हैं‌। सत्ता में रहे या विपक्ष में अपने समर्थकों के लिए 24 घंटे सक्रिय रहने वाले नेता के नाम से प्रसिद्ध हैं।

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