Kushinagar News: जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों में भीषण पथराव, 6 घायल
Kushinagar News: रामकोला थाना क्षेत्र में दो परिवारों के बीच जमीनी विवाद के चलते मारपीट हो गई। जिसमें दोनो तरफ से जमकर पथराव किया गया। पुलिस ने मामले को शांत कराया।
Kushinagar News: आज जनपद के रामकोला थाना क्षेत्र के बिहुली सोमाली उर्फ हनुमानगंज में ब्राह्मण परिवार और यादव परिवारों के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए विवाद में पथराव हो गया। दोनों पक्षों से ईंट चले जिसमें छः लोग घायल हो गए। देवरिया कांड की पुनरावृत्ति होने से बाल बाल बच गई। मौके पर पहुंची पुलिस मामले को शांत तो करा दी लेकिन देर शाम तक मामला राजनीतिक तूल पकड़ लिया। स्थानीय थाने पर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट गई। वही एसएचओ रामकोला पुलिस बल के साथ लागातार गांव में डेरा डाले हुए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस दो घायलों को इलाज हेतु सीएचसी रामकोला भेजवाया और दो पूर्व प्रधान सहित तीन लोगों को थाने लायी।
क्या है पूरा मामला
रामकोला थाना क्षेत्र के बिहुली सोमाली उर्फ हनुमानगंज निवासी फागू यादव के परिवार की पुरानी झोपड़ी अरुण तिवारी व सुरेंद्र तिवारी के दरवाजे के सामने थी। गत 10 मार्च रात्रि में को यह झोपड़ी जल गई। फागू यादव के पक्ष के लोगों ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने उनके तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया । गुरुवार को फागू यादव पक्ष के लोग उसी स्थान पर टीनशेड बना रहे थे। मुकदमा का हवाला देते हुए अरुण तिवारी पक्ष के लोग विरोध कर रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। जिसमें जमकर ईंट चले। इस पथराव में एक पक्ष के सुरेंद्र तिवारी उनकी पत्नी मीना देवी घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस एक जवान भी ईट से चोटिल हो गए। पुलिस घायल दम्पति को इलाज हेतु रामकोला सीएचसी भेजवाया। जहां चिकित्सकों ने दोनों घायलों को प्राथमिक इलाज कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि दूसरे पक्ष के उषा, रामराज, हरेंद्र यादव ,फागू भी घायल हुए। सूचना मिलते ही एसएचओ विनय कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर मामले को संभाले और शांति व्यवस्था कायम कर दिया गया।
पिछले माह से ही चल रहा विवाद
पिछले माह से ही दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है। पिछले माह झोपड़ी जलने के बाद से ही यादव और ब्राह्मण परिवार में विवाद शुरू हो गया। बीच में मौके पर नायब तहसीलदार और एसएचओ जाकर पूरी जानकारी लिए थे। एक पक्ष न्यायालय में वाद दर्ज कर झोपड़ी चढ़ाने को रोक रहा तो दूसरा पक्ष स्टे नहीं होने का हवाला देकर झोपड़ी चढ़ा रहा था। अचानक पथराव और एक दूसरे पर हमलावर होने से लोग दहशत में हो गये। पुलिस की सक्रियता ने मामले को रोक दिया है।