Kushinagar News: भाजपा के वयोवृद्ध नेता 111 वर्षीय पूर्व विधायक भुलई भाई का निधन

Kushinagar News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई बड़े नेता उनसे बात कर आशीर्वाद भी ले चुके हैं। भुलाई भाई की निधन की खबर सुनते ही आरएसएस और बीजेपी शोक की लहर दौड़ गई।

Update:2024-11-01 01:01 IST

भाजपा के वयोवृद्ध नेता 111 वर्षीय पूर्व विधायक भुलई भाई का निधन: Photo- Newstrack

Kushinagar News: कुशीनगर जनपद के रामकोला थाना क्षेत्र के पगार छपरा निवासी पूर्व विधायक भाजपा के वयोवृद्ध नेता श्री नारायण उर्फ भुलाई भाई का आज शाम को निधन हो गया। जनसंघ की स्थापना के समय से जुड़े भुलई भाई का भाजपा में बड़ा सम्मान था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई बड़े नेता उनसे बात कर आशीर्वाद भी ले चुके हैं। भुलाई भाई की निधन की खबर सुनते ही आरएसएस और बीजेपी शोक की लहर दौड़ गई। भुलई भाई पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और गांव पर ही उनका उनके घर में इलाज चल रहा था।

जब पीएम मोदी ने फोन पर बात कर पूछा था कैसे है भुलई भाई

अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे फोन पर बात की थी और पूछा था कि भुलाई भाई आप कैसे हैं प्रधानमंत्री का शब्द सुनते ही उनकी आंखें भर आई और बोले ठीक हूं ढाई मिनट तक प्रधानमंत्री और भुलई भाई के बीच वार्ता हुई थी।

योगी जी को पीएम के रूप में देखना चाहते थे भुलई भाई

जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन कर हालचाल पूछा तो भुलाई भाई भाजपा की सरकार बनने से बहुत खुश थे और वे योगी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते थे । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ अपने प्रथम कार्यकाल में कप्तानगंज आए तो मंच पर भुलई भाई को बगल में बैठा कर सम्मान दिए थे। रामकोला में राजनाथ सिंह सिंह चुनावी सभा में कई बार भुलई भाई को मंच पर बगल में बैठा सम्मान दिए। पूर्व विधायक श्री नारायण उर्फ भुलई भाई में ईमानदारी कूट कूट कर भरी थी। उम्र के इस पड़ाव में भी वह गीता के श्लोक बिना चश्मा के पढ़ लेते हैं। उनकी मेमोरी बहुत तेज थी। उनके बीमार होने की सूचना पर तीन दिन पूर्व उतर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा उनसे मिलने गए थे उस समय उस हालत में भुलई भाई ने फूलबदन कुशवाहा को आशीर्वाद दिया।

पूर्व विधायक श्री नारायण जनसंघ के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे कद्दावर नेताओं के साथ भी काम किया है।1974 में नौकरी छोड़ जनसंघ के समर्पित कार्यकर्ता बन गए। उनकी कर्मठता देख जनसंघ ने उनको चुनाव मैदान में उतारा. उस समय जिला देवरिया था और कुल 13 विधानसभा क्षेत्र थे. नौरंगिया विधान सभा क्षेत्र जो वर्तमान में खड्डा विधानसभा क्षेत्र हैं से जनसंघ के चुनाव चिह्न् दीया-बाती पर जीत केवल भुलई भाई को ही मिली। उन्होंने कांग्रेस के बैजनाथ को हराया था।

इमरजेंसी के बाद पुन: 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे और कांग्रेस के बैजनाथ को ही फिर पटखनी दी। इसके बाद जब भाजपा का गठन हुआ तो पार्टी की मूल धारा में आ गए. 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सपा के पूर्णमासी देहाती से हारने के बाद फिर कभी चुनाव नहीं लड़े। लेकिन समर्पित कार्यकर्ता के रूप में पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं। धोती-कुर्ता के साथ केसरिया गमछा ही उनकी पहचान थी। उनके पौत्र कन्हैया चौधरी हमेशा उनके साथ उनकी सेवा में रहते थे और उनके राजनीतिक उतराधिकारी हैं। भुलई भाई के नाम से जनता के दिलों में राज करते थे। दीपावली के दिन इस संसार को अलविदा करने वाले भुलई भाई ने सबको रूला दिया।

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