लंकेश भक्त मंडल ने कहा- रावण का था आदर्श व्यक्तित्व, पुतला जलाना संस्कृति के खिलाफ
मथुरा: दशहरे के मौके पर जहां देशभर में रावण का पुतला दहन किया जाता है। वहीं मथुरा में लंकेश भक्त मंडल ने शुक्रवार (29 सितंबर) को रावण की पूजा-अर्चना की। यमुना पुल के शिव मंदिर परिसर में सालों से आज के दिन दशानन रावण की पूजा की जाती है। लंकेश भक्त मंडल संस्था लोगों को जागरुक करने का प्रयास करता है और पुतला न दहन करने का आग्रह भी करता हैं।
इसके साथ ही यह लोग रावण की अच्छाइयों के बारे में भी बताते हैं और अपना आदर्श मानते हैं। रावण वंशी लंकेश भक्त मंडल के लोगों का कहना है कि यह न केवल अपमानजनक है बल्कि हर साल ऐसे आदर्श व्यक्तित्व का पुतला जलाना इस देश की संस्कृति के खिलाफ है। हम इसका विरोध करते हैं।
क्या कहा लंकेश भक्तों ने?
लंकेश भक्त मंडल के लोगों ने कहा कि रावण त्रिकालदर्शी थे। चारों वेदों के ज्ञाता और परम शिव भक्त थे। उन्होंने जीवन भर सीता माता को हाथ नहीं लगाया। उन्होंने कहा, 'जो व्यक्ति एक बार मर जाता है। उसको बार-बार क्यों मारा जाता है। बार बार क्यों रावण के पुतले का दहन किया जाता है। हमारे समाज के साथ दुर्व्यवहार की भावना से हमारे कुल के राजा का बार-बार दहन किया जाता है, जो सरासर गलत है।' उनका कहना है कि भगवान रावण की पूजा की जानी चाहिए ना कि हर साल उनका दहन किया जाना उचित है। रावण हमारे कुल के परम ज्ञानी राजा थे। लंकेश भक्तों ने कहा, 'आज हमने हर साल की तरह उनकी पूजा अर्चना की है।'
रावण का पुतला न करें दहन
उन्होंने कहा कि रावण राम के आचार्य थे और सीता उनकी पुत्री थी उन के संस्कारों को पाठ्यक्रम में लाना चाहिए। रावण का पुतला दहन नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए हम अदालत जाएंगे और अब सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे।
बता दें, लंकेश भक्त मंडल भगवान शुव की अराधना करने वाले लगभग 200 लोगों का समूह है। हर साल यह समूह दशहरा के मौके पर मथुरा में यमुना के पुल पर स्थित शिव मंदिर में रावण की पूजा का आयोजन करता है।