लखनऊ: बुधवार देर रात वजीरगंज थाने में तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले 200 से ज्यादा अज्ञात वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। वहीं, यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष परेश मिश्रा ने बताया कि आज पहले मीटिंग होगी और उसके बाद प्रदेश में हड़ताल की जाएगी। बता दें कि वकील श्रवण कुमार वर्मा की हत्या के विरोध में हड़ताल पर गए वकील कल हिंसक हो उठे थे। हाईकोर्ट चौराहे पर जाम लगाने के बाद उन्होंने काफी तोड़फोड़ की और कई जगह वाहनों में आग लगा दी। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य भवन और पुलिस बूथ को नहीं बख्शा। वकीलों ने करीब 29 वाहन जलाए तो वहीं 200 से ज्यादा तोड़ डाले। उन्होंने मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा। उनके भी कैमरे छीनकर तोड़े गए। सात घंटे तक राजधानी की सड़कों पर ये सब होता रहा और पुलिस कुछ नहीं कर सकी। इस पूरे घटनाक्रम में 17 लोग जख्मी हुए।
नीचे की स्लाइड्स में देखिए, वकीलों ने कैसे मचाया सड़क पर ताडंव...
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क्या है मामला ?
नाका थानाक्षेत्र के गणेशगंज में श्रवण कुमार वर्मा की हत्या कर दी गई। मूलरूप से बारांबकी के रहने वाले श्रवण राधा कृष्ण मंदिर में पुजारी भी थे और हाईकोर्ट में वकालत करते थे। उनका शव मंदिर के पास ही खून से सना मिला था। लखनऊ हाईकोर्ट बेंच सहित राजधानी के सभी वकील बुधवार सुबह हड़ताल पर चले गए और डीएम-एसएसपी को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
इस तरह मचाया तांडव
वकीलों के उग्र प्रदर्शन में खुद को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने पथराव कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे मामला और उग्र हो गया। वकीलों ने हर तरफ तोड़फोड़ शुरू कर दी। ईंट-पत्थर चलाए। कई पुलिस वाले, वकील, और राहगीर घायल हो गए।
जाम में फंसी रहीं एंबुलेंस, स्कूली बच्चे हुए परेशान
कई घंटों तक चले हंगामे के दौरान सभी गाड़ियां जाम में फंसी रहीं। कई स्कूली बच्चे दहशत के बीच गाड़ियों में बैठे रहे। कई एंबुलेंस भी रास्ते में फंस गए। किसी तरह उन्हें दूसरे रास्तों से निकाला गया। इस दौरान कई थानों की पुलिस और पीएसी मौजूद रही।
जाम की वजह से मौके पर नहीं पहुंच सकी दमकल की गाडि़यां
हाईकोर्ट चौराहे पर वकीलों की पत्थरबाजी से जनता हलकान रही। वकीलों के तांडव से शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई। परिवर्तन चौक चौराहे से लेकर चारों तरफ भयंकर जाम लग गया। इसकी वजह से दमकल की गाड़ियां मौके पर नहीं पहुंच सकीं।
तीन पक्षिय हो सकता है मुकदमा दर्ज
वकीलों का तांडव देखते हुए यह कयास लगाया जहा रहा है कि तीनों पक्ष से मुकदमा दर्ज हो सकता है। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के तरफ से मुकदमा लिखाना तय है, वहीं वकीलों के तरफ से भी मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। साथ ही राजधानी की यातायात व्यवस्था को ध्वस्थ करने, आगजनी करने, फायरिंग करने व कई ऐसे मामलों में पुलिस के तरफ से मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
पहले भी लखनऊ में हिंसक हुए वकील
-12 मार्च 2015 : इलाहाबाद में एक वकील की हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में लखनऊ में भी वकीलों ने हिंसक प्रदर्शन किया था।
-4 दिसंबर 2014 : निशातगंज में वकील गौरीशंकर मिश्रा की हत्या कर दी गई थी। दोषियों की गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन करते हुए वकील हिंसक हो गए थे।
-25 जनवरी 2011 : वकीलों के कल्याण के लिए 125 करोड़ रुपए जारी करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे। इस दौरान हिंसा हुई।
हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर मुरादाबाद में प्रदर्शन
वकीलों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। वकीलों ने प्रदर्शन के दौरान पीलीकोठी चौराहे पर जमा होकर मुरादाबाद-हरिद्वार मार्ग को जाम कर दिया। जाम से रास्ते पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। बाद में वकीलों ने जिलाधिकारी को अपनी मांग के समर्थन में ज्ञापन सौंपा।