Lucknow News: सपा ने प्रदेश भर में मनाया संविधान दिवस, राज्य मुख्यालय पर हुआ मुख्य आयोजन

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय में 26 जुलाई 2024 को आरक्षण दिवस पर संविधान मान स्तम्भ की स्थापना की थी।

Written By :  Santosh Tiwari
Update:2024-11-26 17:47 IST

सपा ने मनाया संविधान दिवस: Photo- Newstrack

Lucknow News: मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय सहित प्रदेश के सभी जनपदों में ‘संविधान दिवस‘ मनाया गया। प्रदेश कार्यालय में भारत के संविधान में उल्लिखित उद्देशिका का राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी तथा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने संविधान मान स्तम्भ के समक्ष वाचन किया। समाजवादी पार्टी ने संविधान के मूल उद्देश्यों की सुरक्षा एवं संविधान की गरिमा बनाए रखने का संकल्प भी लिया।

26 जुलाई को सपा कार्यालय में स्थापित हुआ संविधान मान स्तम्भ

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय में 26 जुलाई 2024 को आरक्षण दिवस पर संविधान मान स्तम्भ की स्थापना की थी। इसी दिन महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा संकल्पित आरक्षण को कोल्हापुर के महाराजा छत्रपति साहू जी महाराज ने 26 जुलाई 1902 में अपने राज्य में लागू कर दिया जो एक क्रांतिकारी क़दम साबित हुआ। उन्होंने सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जाति के पचास प्रतिशत लोगों को आरक्षण देने का फ़ैसला किया। यह एक ऐसा फ़ैसला था जिसने आगे चलकर आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था करने की राह दिखाई।

आज ही के दिन पारित हुआ था संविधान 

ज्ञात हो कि आज के ही दिन 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारत का संविधान पारित किया था जिसे 26 जनवरी 1950 को जनतांत्रिक शासन प्रणाली के तहत विधिवत रूप से अंगीकृत किया गया था। संविधान दिवस पर राष्ट्र की एकता-अखण्डता और व्यक्ति की गरिमा को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया जाता है। इस अवसर पर अपने संदेश में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान ही संजीवनी है। संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है। ये हर दिन सच्चे मन से निभाने वाला फ़र्ज़ है, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं। एक तरफ़ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ़ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और देशवासियों के लिए घातक है। जब संविधान के मान-सम्मान और उसे व्यवहार में लाने के संबंध में हालात बद से बदतर हो रहे हैं, संविधान का हर दिन तिरस्कार-अपमान हो रहा है, ऐसे में उत्सव मनाना हमारे सिद्धांतों के खि़लाफ़ है। उत्सव ढोंग नहीं होना चाहिए।

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