लखनऊ: राजनीति का पासा पलटने में देर नहीं लगती। केशव प्रसाद मौर्या के लखनऊ में भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने के घोषणा के तुरंत बाद ही जिस तरह पार्टी मुख्यालय से रंग-रोगन के नाम पर लक्ष्मीकांत वाजपेयी से तुरंत कमरा खाली करा लिया गया, वो उनके समर्थकों को नागवार गुजरा।
कैसे क्या हुआ ?
-सोमवार को भाजपा के नए अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या के स्वागत समारोह में जमकर भीड़ पहुंची।
-पार्टी मुख्यालय से रंग रोगन के नाम पर लक्ष्मीकांत वाजपेयी से कमरा खाली करने को कहा गया।
-बड़ी मुश्किल से धक्का मुक्की के बाद वाजपेयी को उनसे मिलने की जगह मिल सकी।
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-लेकिन वह भी ज्यादा देर तक टिकी न रह सकी।
-केशव मौर्या को घेरे उनके समर्थकों की भीड़ की धक्कामुक्की में वह बाहर हो गए।
-वाजपेयी भीड़ से दूर काफी देर तक इंतजार करते रहे।
-थोड़ी देर में ही उन्हें समझ में आ गया कि आज कोई और आकर्षण का केंद्र है।
-जिसके बाद वह अपने मुट्ठी भर समर्थकों के साथ बिना कुछ कहे वहां से निकल गए।
औरों को भी नहीं मिल पाया मौका
-ये दर्द सिर्फ पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का ही नहीं था।
-बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं का था।
-बीजेपी के पूर्व एमएलए सुरेश चन्द्र वाजपेयी ने भी नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया।
-लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाए।
-ऐसे में कई नेताओं के मुंह से निकल ही पड़ा, अब अच्छे दिन शायद कभी नहीं आएंगे।
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