Sonbhadra News: शौच के लिए निकली किशोरी के साथ गैंगरेप करने वालों को उम्रकैद, पांच वर्ष पुराने मामले में आया फैसला

Sonbhadra News: शौच के लिए निकली 14 वर्षीय किशोरी के साथ गैंगरेप करने वालों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। शक्तिनगर थाना क्षेत्र के जुड़े पांच वर्ष पूर्व के मामले में अदालत ने दो को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया।

Update:2023-04-20 03:25 IST
जौनपुर में रेप में नाकाम युवक ने महिला प्राइवेट पार्ट में डाला डंडा: Photo- Social Media

Sonbhadra News: शौच के लिए निकली 14 वर्षीय किशोरी के साथ गैंगरेप करने वालों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। शक्तिनगर थाना क्षेत्र के जुड़े पांच वर्ष पूर्व के मामले में अदालत ने दो को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट निहारिका चैहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषी रामऔतार और लठ्ठू को उम्रकैद के साथ ही 50- 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया।

मां की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज किया था केस

अभियोजन कथानक के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने गत 15 मई 2018 को शक्तिनगर थाने पहुंचकर तहरीर दी। उसके जरिए पुलिस को अवगत कराया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी 14 मई 2018 को रात 8-9 बजे के करीब शौच के लिए रेलवे लाइन की तरफ गई हुई थी। उसी दौरान वहां पर पहले से मौजूद राम औतार पुत्र स्व. धर्मजीत निवासी परसवार राजा थाना शक्तिनगर ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ जरिया दुष्कर्म किया। मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की तो पता चला कि लठ्ठु पुत्र राजेंद्र बैगा निवासी परसवार राजा भी दुष्कर्म में शामिल रहा है।

विवेचना के दौरान सामने आया था दूसरे दोषी का नाम

मामला सामूहिक दुष्कर्म का पाए जाने पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चलान करने के साथ ही, उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए उनके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल की गई। वहां लगभग पांच साल तक मामले की सुनवाई चली। इस दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलें, परीक्षित कराए गए गवाहों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत पाते हुए दोनों आरोपियों को दुष्कर्म का दोषी पाया गया और उन्हें उम्रकैद के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

अगर दोषी अर्थदंड जमा नहीं करते हैं तो उन्हें इसके लिए अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अर्थदंड की पूरी धनराशि नियमानुसार पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने की।

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