लखनऊ के डॉ. विक्रम आहूजा ने रचा नया कीर्तिमान: 3 घण्टे में निकाले 26 दांत, 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज करा चुके हैं नाम
लखनऊ के डॉ. विक्रम आहूजा ने रचा नया कीर्तिमान: साल 2014 में डॉ. विक्रम आहूजा ने जहां 6 घण्टे में 28 दांतों को निकालकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया था।
Lucknow: देश-विदेश में अपने नाम का परचम लहरा चुके डॉ. विक्रम आहूजा (Dr. Vikram Ahuja) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। नयी-नयी तकनीकियों का इस्तेमाल करना, नये-नये कीर्तिमान रचना अब उनके बाएं हाथ का खेल हो चुका है। साल 2014 में डॉ. विक्रम आहूजा (dr vikram ahuja) ने जहां 6 घण्टे में 28 दांतों को निकालकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया था। वहीं, हाल ही में उन्होंने 3 घण्टे में 26 दांत निकाले हैं। जिससे उनकी प्रतिभा का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है।
एक बार की सर्जरी में निकाले सभी दांत
नवाबों के शहर में गोमती नगर स्थित कॉस्मिक डेन्टल क्लिनिक के डॉ. विक्रम अहूजा ने बताया कि एक बार की सर्जरी में ही सभी दांत निकाले गए। इसके बाद सीबीसीटी एक्सरे की सहायता से उनकी जबड़े की हड्डियों में 11 इंप्लांट लगाए गए। इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ 3 घंटे का समय लगा।
डिजिटल स्कैनिंग रही बेहद मददगार
बता दें कि इस पूरी सर्जरी में डिजिटल स्कैनिंग का अहम रोल रहा। इंप्लांट लगने के बाद डेंटल स्कैनर का प्रयोग किया गया। डेंटल स्कैनर की मदद से पूरे मुंह की डिजिटल स्कैनिंग हो जाती है और दांतों की सही सही माप मिल जाती है। इसकी सहायता से दांतों की सही नाप को प्लास्टिक कास्ट पर प्रिंट करके पन्ना डेंटल लैब के सहयोग से प्रोस्थेसिस बनवाए। मरीज के मेजरमेंट के अनुसार ही दो से 3 घंटे में प्रोस्थेसिस (आर्टीफीशियल दांत) बनकर आए और उन्हें इंप्लांट की सहायता से लगा दिया गया। इस प्रकार 11 इंप्लांट की सहायता से कुल 28 दांत लगाए गए। हालांकि, ये अभी अस्थायी हैं और अगले 4 से 6 माह में सभी परमानेंट दांत लगा दिए जाएंगे।
कई डॉक्टरों ने किया था रेफर
डॉ. विक्रम अहूजा ने बताया कि लखनऊ के चौक निवासी मरीज को पिछले 8 माह से दांतों में समस्या थी। उन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया, सबने उन्हें 5 से 6 बार में ही सर्जरी करने और नए इंप्लांट के माध्यम से दांत लगवाने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने एक बार की सर्जरी में मेरा नाम सुझाया। डॉ. विक्रम ने बताया कि मरीज़ के मुख्य रूप से ऊपर के दांत गल गए थे, लेकिन दांतों की जड़े हडि्डयों में फंसी हुई थी। ज्यादातर दांत हिलने लगे थे। इसके कारण कुछ भी चबाने के दौरान उन्हें बहुत दर्द हो रहा था। इसके कारण वह डिप्रेशन का भी शिकार हो गए।