अब चाइनीज मांझा बना मेट्रो की राह में रोड़ा, LMRC ने दर्ज कराई FIR, लेकिन ये वो नहीं है
लखनऊ: लखनऊ मेट्रो की राह में रोड़े कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। बीती 6 सितंबर से लखनऊ मेट्रो के दरवाजे आम जनता के लिए खोल दिए गए हैं। तबसे लेकर अब तक कई घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। अब लखनऊ मेट्रो के अधिकारी चाइनीज मांझे से परेशान हैं। इस मांझे ने मेट्रो संचालन से जुड़े अधिकारियों के नाक में दम कर रखा है। परेशान होकर एलएमआरसी ने शुक्रवार को अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है।
मांझे ने थाम दिए लखनऊ मेट्रो के पहिए
एलएमआरसी के प्रवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मेट्रो संचालन में चाइनीज मांझे के कारण बहुत परेशानी हो रही है। बीते गुरूवार को तो पतंग में बंधे धातु के तार के ओवर हेड ट्रैक्शन(ओएचई) पर गिरने के कारण पावर सप्लाई ट्रिप कर गई और मेट्रो संचालन में बाधा आ गई। यही हाल शुक्रवार को भी रहा। इसके बाद जांच में पता चला कि ओएचई लाइन पर पतंग के साथ 6 इंच के अंतराल पर बंधे कांटेदार लंबे स्टील के तार गिरा जिससे 25 हजार वोल्ट ओएचई लाइन में शार्ट सर्किट हो गया। इस स्टील के तार को मार्केट में चाइनीज मांझे के नाम से बेंचा जाता है। जिसका प्रयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवंबर 2015 में ही बैन कर दिया था।
इसके साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन इसके प्रयोग के चलते लखनऊ मेट्रो संचालन में दिक्कत आती रहती है। इसलिए शुक्रवार को अज्ञात के खिलाफ थाने में इस घटना का मुकदमा दर्ज करवाया गया है। इसके साथ ही लोगों से हमारी अपील है कि वह मेट्रो रूटों पर चाइनीज मांझे जैसी किसी भी चीज का प्रयोग न करें।
चलिए ये तो हुई एलएमआरसी की बात। अब हम आपको बताते हैं, कि जिसे ये चाइनीज मांझा बता रहे हैं उसे पतंगबाज तार कहते हैं। इसे खास तरह की पतंगों में बांध उड़ाया जाता है। तार बंधी पतंगों से कटी पतंगे चिमटाई जाती हैं। इसका का मतलब ये है कि जब कोई पतंग कट जाती है। तब तार वाली पतंग उस कटी पतंग के नीचे गोल-गोल नचाई जाती है। इससे कटी पतंग का मंझा इस तार में फंस जाता है और पतंगबाज दोनों पतंगों को उतार लेता हैं।