Misrikh Lok Sabha Election 2024: मिश्रिख लोकसभा सीट पर हो सकती है रिश्तेदारों की भिड़ंत, सपा ने BJP सांसद अशोक रावत के करीबी को उतारा

Misrikh Lok Sabha Election 2024: सपा की ओर से घोषित दूसरी सूची में मिश्रिख लोकसभा सीट से रामपाल राजवंशी को चुनावी अखाड़े में उतारने का ऐलान किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-20 11:24 IST

रामपाल राजवंशी (PHOTO: social media )

Misrikh Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने-अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी ने अभी तक प्रदेश की 27 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। सपा की पहली सूची में 16 और दूसरी सूची में सोमवार को 11 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया। सपा की ओर से घोषित दूसरी सूची में मिश्रिख लोकसभा सीट से रामपाल राजवंशी को चुनावी अखाड़े में उतारने का ऐलान किया गया है।

इस लोकसभा सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के अशोक रावत ने जीत हासिल की थी। इस लोकसभा क्षेत्र में अशोक रावत की मजबूत पकड़ को देखते हुए उन्हें इस बार भी भाजपा की ओर से चुनावी अखाड़े में उतारे जाने की संभावना है। मजे की बात यह है कि अशोक रावत और रामपाल राजवंशी करीबी रिश्तेदार हैं और इस तरह मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में दो रिश्तेदारों के बीच भिड़ंत की सियासी बिसात बिछ गई है।

सपा के कद्दावर नेता हैं रामपाल राजवंशी

मिश्रिख लोकसभा सीट पर सपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए गए रामपाल राजवंशी पार्टी के पुराने नेता हैं और प्रदेश में दो बार मंत्री रह चुके हैं। उनका लंबा राजनीतिक सफर रहा है और उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर 1996 में मिश्रिख विधानसभा सीट पर पहली बार जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद उन्हें प्रदेश में राज्य मंत्री बनने का मौका मिला था।

2007 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी और इस चुनाव में सपा के टिकट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी वे जीतने में कामयाब हुए थे और 2012 में मुख्यमंत्री बनने पर अखिलेश यादव ने उन्हें अपनी सरकार में कारागार राज्य मंत्री बनाया था।

इसके बाद 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में रामपाल राजवंशी को मिश्रिख विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा मगर अब अखिलेश यादव ने उन पर भरोसा जान जताते हुए उन्हें लोकसभा की सियासी जंग में उतार दिया है।

भाजपा फिर जता सकती है अशोक रावत पर भरोसा

मिश्रिख लोकसभा सीट से मौजूदा समय में भाजपा के अशोक रावत सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बसपा की डॉक्टर नीलू सत्यार्थी को हराकर इस लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। इस लोकसभा क्षेत्र के नए परिसीमन के बाद 2009 में अशोक रावत ने बसपा के टिकट पर इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था।

2014 के लोकसभा चुनाव में सीट पर भाजपा की अंजू बाला को जीत मिली थी मगर 2019 में भाजपा के टिकट पर अशोक रावत को चुनावी अखाड़े में उतारा गया था और उन्होंने जीत हासिल की थी। इस बार भी भाजपा की ओर से अशोक रावत को टिकट दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए भाजपा एक बार फिर उन पर भरोसा जाता सकती है।

मजे की बात यह है कि अशोक रावत और सपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए गए रामपाल राजवंशी करीबी रिश्तेदार हैं और ऐसे में मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में दो रिश्तेदारों के बीच भिड़ंत का दिलचस्प नजारा दिख सकता है।

तीन जिलों की विधानसभा सीटें शामिल

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र सीतापुर, कानपुर और हरदोई की विधानसभा सीटों को मिलाकर बनाया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में सीतापुर की मिश्रिख, कानपुर की बिल्हौर, हरदोई की मल्लावां, संडीला और बालामऊ विधानसभा सीटें शामिल हैं।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस लोकसभा सीट पर करीब 33 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं जो चुनावी नतीजे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नए परिसीमन के बाद भाजपा ने इस सीट पर दो बार जीत हासिल की है जबकि एक बार बसपा को जीत हासिल हुई है।

मिश्रिख लोकसभा सीट पर कड़े मुकाबले की संभावना

इस लोकसभा सीट पर बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अनुसूचित जाति के मतदाताओं की अधिक संख्या के कारण बसपा भी यहां पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। बसपा मुखिया मायावती पहले ही प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। ऐसे में इस लोकसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा के बीच कड़े मुकाबले की संभावना जताई जा रही है।

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