चुनाव में रोडवेज बसें भेजने से खाली हुए कंडक्टरों का जल्द होगा समायोजन

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) ने लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक करीब 1700 बसें निर्वाचन आयोग को किराए पर भेजी हैं। इसलिए इन बसों के खाली हुए कंडक्टरों (परिचालकों) के जल्द समायोजन की तैयारी चल रही है।

Update: 2019-04-13 14:05 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) ने लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक करीब 1700 बसें निर्वाचन आयोग को किराए पर भेजी हैं। इसलिए इन बसों के खाली हुए कंडक्टरों (परिचालकों) के जल्द समायोजन की तैयारी चल रही है।

परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) राजेश वर्मा ने शनिवार को बताया कि लोकसभा चुनाव में बसें भेजने से काफी संख्या में कंडक्टर खाली हो गए हैं। इन्हें समायोजित करने की तैयारी चल रही है। जल्द ही प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को दिशा निर्देश भेजे जाएंगे। ताकि तय किलोमीटर पूरा करके फिक्स वेतन का लाभ पाने वाले बस कंडक्टर इस लाभ से वंचित न होने पाए।

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उन्होंंने बताया कि लोकसभा चुनाव में सुरक्षा बलों और मतदान कर्मियों को पोलिंग बूथों तक ले जाने और वहां से लाने के लिए रोडवेज की बसें निर्वाचन आयोग को किराए पर दी जाती हैं। लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न डिपो से 1700 बसें चुनाव ड्यूटी में अभी तक भेजी जा चुकी है। इसके अलावा अभी और भी बसें भेजी जाएंगी।

गौरतलब है कि चुनाव में भेजी जाने वाली बसों में यात्री नहीं होते। ऐसे में टिकट काटने के लिए बस कंडक्टर की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए काफी संख्या में कंडक्टर बेरोजगार हो गए हैं। यदि इन बेरोजगार बस कंडक्टरों से कोई अन्य काम नहीं लिया गया तो किलोमीटर के आधार पर मिलने वाला फिक्स वेतन उन्हें नहीं मिल पाएगा।

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