Lucknow News: फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने किया सरेंडर, महोबा क्रेशर कारोबारी की मौत मामले में हैं आरोपी
Lucknow News: महोबा क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत मामले में फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने लखनऊ की एडीजे-09 कोर्ट में सरेंडर कर दिया
Lucknow News: महोबा क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत मामले में फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने लखनऊ की एडीजे-09 कोर्ट में सरेंडर कर दिया। 2 साल से फरार चल रहे महोबा के पूर्व एसपी पाटीदार पर 100000 का इनाम घोषित किया गया था और उनकी तलाश में गुजरात, राजस्थान दिल्ली समेत कई राज्यों में पुलिस छापेमारी कर रही थी। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस के साथ ही एंटी करप्शन की टीम भी जांच कर रही है। यही नहीं ईडी उनकी संपत्तियों का पूरा लेखा-जोखा जुटा रही थी। यूपी सरकार ने उनकी बर्खास्तगी के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था। इस बीच चारों ओर से कसते शिकंजे के बीच मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ के एडीजे भ्रष्टाचार कोर्ट में सरेंडर कर दिया है।
दरअसल आपको बता दें महोबा की क्रेशर मंडी कबरई में रहने वाले चर्चित व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की 2 वर्ष पूर्व 8 सितंबर को गोली मार कर हुई हत्या का आरोप जनपद के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के ऊपर लगा था। जिसके बाद से आरोपी आईपीएस मणिलाल फरार चल रहा था। महोबा में रहे तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के ऊपर क्रेसर माइनिंग विस्फोटक का व्यापार करने वाले व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 6 सितंबर वर्ष 2020 को एक वीडियो वायरल कर आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर व्यापार करने के एवज में 6 लाख रुपये की रंगदारी, रिश्वत मांगने और ना देने पर हत्या करने की धमकी दिए जाने का आरोप लगाया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद 8 सितंबर को व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद महोबा की कानून व्यवस्था पर सवाल सहित पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामला बढ़ने पर शासन ने एसपी को निलंबित कर मुकदमा दर्ज कर दिया। जिसकी जांच शासन द्वारा गठित एसआईटी टीम ने की मगर इससे पहले आरोपी आईपीएस गिरफ्तार होता वह फरार हो गया।
एसआईटी ने जाँच में पाया कि इन्द्रकांत त्रिपाठी की हत्या नहीं हुई बल्कि अवसाद में जाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली थी जिसका आरोप एसपी मणिलाल पाटीदार पर लगा। जिसकी ने भी कई बार सत्ता पर निशाना साधा लेकिन 2 साल होने के बावजूद भी गठित की गई एसआईटी टीम के हाथ खाली रहे और आरोपी आईपीएस को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। आज लखनऊ की कोर्ट में आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने सरेंडर कर दिया जिसके बाद अचानक 2 साल बाद इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत का मामला गरमा गया है। मृतक के भाई विजय त्रिपाठी और भतीजी शिप्रा त्रिपाठी कहती है कि देर से ही सही उनके चाचा इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत का आरोप आईपीएस मणिलाल पाटीदार कानून की गिरफ्त में है। भले ही उसने कोर्ट में सरेंडर किया है लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि उन्हें और मृतक इन्द्रकांत की आत्मा को न्याय मिलेगा। लेकिन वह सवाल भी खड़े करती है कि 2 साल तक एक आईपीएस भगोड़ा रहा और एक लाख रूपये का इनाम होने के बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। क्या वजह है कि पुलिस के हाथ उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रहे।