Cold Wave in Lucknow: लखनऊ में दिल के मरीजों के लिए जानलेवा ठंड, फुल हुए PGI और KGMU के बेड

Cold Wave in Lucknow: हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हो रही मौतों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। राजधानी लखनऊ के अस्पताल ऐसे मरीजों से भरे पड़े हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-01-09 10:18 IST

heart patients Lucknow (photo: social media ) 

Cold Wave in Lucknow: कड़ाके की ठंड दिल के मरीजों पर कहर बनकर टूट रही है। यूपी समेत उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में तापमान पहाड़ी इलाकों से भी नीचे जा चुका है। जिसके कारण हार्ट संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं। हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हो रही मौतों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। राजधानी लखनऊ के अस्पताल ऐसे मरीजों से भरे पड़े हैं। आलम ये है कि अस्पातलों में बिस्तर की किल्लत हो गई है।

PGI,KGMU और लोहिया संस्थान के सारे ICU बेड भर चुके हैं। अस्पताल आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों को वापस लौटाया जा रहा है। इन अस्पातलों में रोजाना करीब 20 से 25 दिल के मरीज आ रहे हैं। पीजीआई में दिल के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए बेड फुल हो चुके हैं। इसी तरह KGMU के आईसीयू में स्थित 80 बेड और लोहिया संस्थान में मौजूद आईसीयू के 23 बेड फुल हो चुके हैं।

क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले ?

पिछले कुछ दिनों में हार्ट अटैक के मामलों में काफी बढोकरी दर्ज की गई है। बाहर से स्वस्थ दिखने वाला इंसान को अचानक दौड़ा पड़ता है और फिर उसकी मौत हो जाती है। जिम कसरत के दौरान या शादी में डांस के दौरान शख्स को आए हार्ट अटैक का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चुके हैं। लेकिन सर्दियों के शुरू होते ही दिल के मरीजों के हताहत होने की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर नवीन गर्ग ने बताया कि सर्दियों में रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं। दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है। दिल की मांसपेशियां प्रभावित हो जाती हैं। इसका असर दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है। खून चिपचिपा और गाढ़ा होने लगता है। मांसपेशियां खराब होने से दिल का दौड़ा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सर्दी के मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस मौसम में बीपी और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, इसलिए मरीजों को नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

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