कांग्रेसी नेता ने की मांग, प्रधानमंत्री श्वेतपत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करें
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘श्वेत पत्र’ जारी करके स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, और जिस किसी ने भी झूठ बोला है उसे देश से माफी मांगनी चाहिए।
लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि चीन द्वारा भारतीय सीमा के अंतिक्रमण पर रक्षा मंत्रालय ने वेबसाइट पर जो दस्तावेज जारी किया है। वह प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये बयान के ठीक विपरीत है। तिवारी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं है बल्कि दुनिया में हमारी स्थिति को हस्यास्पद भी बनाता है।
प्रधानमंत्री श्वेत पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करें- प्रमोद तिवारी
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय के बीच अविश्वास और संवादहीनता के कारण ऐसा होने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े इस मसले पर सही स्थिति देश के सामने आनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘श्वेत पत्र’ जारी करके स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, और जिस किसी ने भी झूठ बोला है उसे देश से माफी मांगनी चाहिए। तिवारी ने कहा कि पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने माना था।
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लेकिन अब तो रक्षा मंत्रालय ने बाकायदा आक्रमण का ही नहीं बल्कि अतिक्रमण का भी दस्तावेजी वेबसाइट जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्र में चीन की सेना ने मई 2020 में अतिक्रमण किया था। रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट में स्पष्ट कहा है कि पैंगोग झील के उत्तरी तट, गोगरा और कुगरांग नाला सहित पूर्वी लद्दाख के कई अलग-अलग हिस्सों में चीनी सेना ने 17- 18 मई, 2020 को अतिक्रमण किया था।
प्रमोद तिवारी ने उठाए सवाल
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सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कहा गया कि 5 मई 2020 के बाद से ही एलएसी से लगे हुये इलाकों में चीनी अतिक्रमण तेजी के साथ बढ़ा। मुख्य रूप से गलवान घाटी में। तिवारी ने कहा कि भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रोफेशनल बहादुर सेना है। वह देश की सुरक्षा से न तो कभी समझौता कर सकती है और न ही कभी झूंठ बोल सकती है।
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तो फिर प्रधानमंत्री को देश की सीमाओं से जुड़ा झूंठा बयान देने के लिये किसने गुमराह किया? रक्षा मंत्रालय ऐसा कर नहीं सकता ? तो फिर प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले पर इतना बड़ा झूंठ बोलने के लिये तथ्य क्यों दिये ?