UP: कोरोना में कारगर दवाओं का संकट बढ़ा, जानिए क्या है वजह
यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पतालों में बेडो का अभाव बढ़ता जा रहा हैं वहीं दूसरी तरफ कोरोना बीमारी से बचाव के लिए कारगर मानी जा रही दवाइयां भी मार्केट से गायब हो रही है।
लखनऊ: जहां यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पतालों में बडों का अभाव बढ़ता जा रहा हैं, वहीं दूसरी तरफ कोरोना बीमारी से बचाव के लिए कारगर मानी जा रही दवाइयां भी मार्केट से गायब हो रही हैं । इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पिछले दो महीनों से कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या थी जिसके कारण फुटकर विक्रेताओं ने इन दवाओं को स्टाक में रखना कम कर दिया था पर अचानक बढ़ी कोरोना संक्रमितो के कारण अब इसकी फिर से मांग बढ़ी है। जिसके कारण बाजार में लोग चक्कर लगा रहे हैं पर उन्हे रेमिडिसिवर से लेकर आइवरमेक्टिन आदि दवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
यहां बताना जरूरी है कि राजधानी में लगभग 4000 थोक मेडिसिन के स्टाकिस्ट हैं। जो लखनऊ के साथ आसपास के जिलों बाराबंकी, फैजाबाद, हरदोई ,सीतापुर से भी फुटकर व्यापारी यहां पर दवा लेने आते हैं। पर उम्मीद के विपरीत अचानक बढ़े कोरोना संक्रमण के चलते आइवरमेक्टिन (Ivermectin), एजिथ्रोइसिन (Azithrocin), डाक्सीसाइक्लिन (Doxycycline), विटामिन बी, जिंक के साथ विटामिन सी की दवाओं का संकट बढ़ गया है। केवल ये ही नहीं कोरोना संकट के बाद लांच हुई नई दवाएं फैबिफ्लू फैवीलो आदि भी गायब हो गयी हैं।
इसे लेकर मेडिकल स्टोर के संचालक परेशान हैं। वह रोज अमीनाबाद थोक मार्केट में जाकर इन दवाओं की मांग कर रहे हैं पर उनको यह दवाए नहीं मिल रही है जो मिल भी रही है तो वह मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रही हैं।
उधर, एफएसडीए ने थोक व्यापरियों से इस बारे में जानकारी ली है कि उनके पास किन दवाओं की कमी है और कितनी जरूरत है। वहीं दूसरी तरफ केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा। एसोसिएशन ने इस बात को माना है कि अन्य दवाओं की तुलना में कोरोना की दवाओं की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है।