लखनऊ डबल मर्डर केस, हत्या करने वाली बेटी को मिली ये सजा
यूपी की राजधानी लखनऊ में बीती 29 अगस्त को अपनी मां और भाई की हत्या करने की आरोपी नाबालिग बेटी को जुवेनाइल कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उसे पुलिस अभिरक्षा में अपने ही घर में रहने की छूट दे दी है।
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में बीती 29 अगस्त को अपनी मां और भाई की हत्या करने की आरोपी नाबालिग बेटी को जुवेनाइल कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उसे पुलिस अभिरक्षा में अपने ही घर में रहने की छूट दे दी है। कोर्ट ने आरोपी नाबालिग को ये छूट उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए दी है। हालांकि इस दौरान वह पुलिस हिरासत में ही रहेगी और उसके घर पर सिविल डेªस में महिला पुलिस की तैनाती भी की जायेगी।
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पिता ने कोर्ट से अपील की बेटी मानसिक रूप से बीमार है और उसे भावनात्मक सहयोग की जरूरत है
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मामलें की नाबालिग के पिता आरडी बाजपेयी ने कोर्ट से अपील की थी कि उनकी बेटी मानसिक रूप से बीमार है और उसे भावनात्मक सहयोग की जरूरत है। बताया जा रहा है कि नाबालिग आरोपी अपने पिता के साथ सहज रहती है। इधर, आरोपी के पिता भी अपनी बेटी को इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं मानते है और वह इसके लिए बेटी के अवसाद को जिम्मेदार बताते है।
पिता की अपील पर पुलिस ने भी इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी का केस बताते हुए कोर्ट में कहा कि अगर कोर्ट किशोरी के पिता की अपील पर गौर करते हुए आरोपी नाबालिग को उसके घर में पुलिस हिरासत में रखने का आदेश देती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने किशोरी को केजीएमयू के मनोचिकित्सकों को भी दिखाया था। जिसमे मनोचिकित्सकों ने पुलिस को राय दी थी कि आरोपी नाबालिग को भावनात्मक सहयोग की जरूरत है।
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29 अगस्त को रेल अफसर की 15 साल की बेटी ने भाई-मां को गोली मारी
बता दे कि बीती 29 अगस्त की दोपहर में राजधानी लखनऊ के गौतम पल्ली इलाके में स्थित सरकारी आवास में रेल अफसर की 15 साल की बेटी ने 22 बोर की पिस्टल से 47 साल की मां और 17 साल के भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में परिजनों की मौजूदगी में स्वीकार किया था कि उसी ने ही दोनों की हत्या की।
पुलिस ने जांच के दौरान यह पाया था कि किशोरी ने अपने बाथरुम के शीशे पर जैम से डिस्क्वालीफाइड ह्यूमन लिखा था। इस घटना के बाद पुलिस ने रेलवे अफसर की पत्नी और बेटे की हत्या के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था और नाबालिग आरोपी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया था। जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
मनीष श्रीवास्तव
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