KGMU Research: अब बिना इंजेक्शन के होगी दर्द रहित 'फेको मोतियाबिंद सर्जरी', PG छात्रा की मेहनत हुई सफल

Lucknow KGMU: मोतियाबिंद सर्जरी दुनिया भर में की जाने वाली सबसे आम आंख की सर्जरी है। लोकप्रिय फेकमूल्सीफिकेशन तकनीक के कारण ऑपरेशन के बाद अच्छी दृष्टि का परिणाम संतोषजनक एवं त्वरित हैं।

Report :  Shashwat Mishra
Update:2022-07-09 22:46 IST

Lucknow KGMU Research (Photo - Social Media)

Lucknow KGMU: मोतियाबिंद सर्जरी दुनिया भर में की जाने वाली सबसे आम आंख की सर्जरी (eye surgery) है। लोकप्रिय फेकमूल्सीफिकेशन तकनीक के कारण ऑपरेशन के बाद अच्छी दृष्टि का परिणाम संतोषजनक एवं त्वरित हैं। यदि मोतियाबिंद की सर्जरी फेको विधि से ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थिसिया के तहत की जाये, तो इसके परिणामों में और सुधार होगा।

ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थीसिया का मतलब है कि आंख को केवल आई ड्रॉप (eye drop) का उपयोग करके सुन्न किया जाता है और आंख के पास कोई इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। यह रोगी को दर्दनाक इंजेक्शन से बचाता है और आंख के पास लगने वाले इंजेक्शन से रोगी के डर को कम करता है। ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थीसिया, इंजेक्शन एनेस्थीसिया (लोकल एनेस्थीसिया) की तुलना में अधिक सुरक्षित है, क्योंकि इसमें आंख में चोट लगने या रक्तस्राव होने की कोई संभावना नहीं होती है।

डॉ. संजीव कुमार गुप्ता (नेत्र विभाग, केजीएमयू)

इंजेक्शन एनेस्थीसिया के समान करता है कार्य

ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थेसिया रोगी को दर्द रहित अनुभव प्रदान करने में इंजेक्शन एनेस्थीसिया (लोकल एनेस्थीसिया) की तुलना में समान रूप से प्रभावी है, जो कई वैज्ञानिक शोध प्रकाशनों द्वारा सिद्ध किया गया है। केजीएमयू के नेत्र विभाग में ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थीसिया का उपयोग करके मोतियाबिंद से ग्रषित रोगियों की फेको विधि से सर्जरी करके, सुरक्षा, प्रभावकारिता और दर्द मुक्त अनुभव की तुलना करने के लिए अनुसंधान किया गया था।

दो तुलनात्मक दवाओं, लिग्नोकेन और रोपिवाकाइन के बीच की तुलना उनकी सुरक्षा, प्रभावकारिता और दर्द रहित सर्जरी के लिए की गई थी। अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थेसिया का उपयोग समान रूप से दर्द रहित और प्रभावी है और इसके अलावा रोपाइवाकेन आंख के अंदर के नाजुक ऊतकों (कॉर्नियल एंडोथेलियम) के संरक्षण के संबंध में सुरक्षित था। यह अध्ययन प्रतिष्ठित इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित हुआ है, जो ऑल इंडिया ऑप्थेलमिक सोसाइटी की आधिकारिक पत्रिका है।

डॉ. अरुण शर्मा (नेत्र विभाग, केजीएमयू)

पीजी की छात्रा डॉ. शालिनी सिंह ने किया अनुसंधान

यह अध्ययन नेत्र विभाग में स्नातकोत्तर छात्रा डॉ. शालिनी सिंह (Dr. Shalini Singh, a postgraduate student in the eye department) द्वारा डॉ. अरुण शर्मा की देखरेख में किया गया था। इस बहुकेंद्रीय अनुसंधान की देखरेख केजीएमयू के डॉ. संजीव कुमार गुप्ता, डॉ. विशाल कटियार, डॉ. सिद्धार्थ अग्रवाल और डॉ. संजीव हंसराज (मान सरोवर आई हॉस्पिटल) और डॉ. अजय कुमार (जन कल्याण नेत्र अस्पताल) ने की।

डॉ. शालिनी सिंह 

यह पुष्टि करता है कि ऑगमेंटेड टॉपिकल एनेस्थेसिया सुरक्षित, प्रभावी और दर्द मुक्त सुन्न की तकनीक है, जो रोगी के अनुकूल (बिना इंजेक्शन) है और रोपिवाकाइन की भूमिका को लिग्नोकेन (टॉपिकल एनेस्थेसिया के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवा) के समान प्रभावकारी लेकिन सुरक्षित विकल्प के रूप में स्थापित किया है। यह दर्द रहित शल्य चिकित्सा तकनीक अब उन सभी वयस्क रोगियों के लिए उपलब्ध है, जो नेत्र विज्ञान विभाग, केजीएमयू में फेको मोतियाबिंद सर्जरी के लिए आते हैं।

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