सफाईकर्मियों का बंद होगा फर्जीवाड़ा, अब बायोमेट्रिक मशीन से लगेगी हाजिरी

 लखनऊ नगर निगम के तहत काम करने वाले सफाईकर्मियों के फर्जीवाड़े पर रोक लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस महीने के अंत से सभी वार्डों में बायोमेट्रिक मशीन लगा दी जाएगी, जिससे सफाई कर्मी अपनी हाजिरी लगाएंगे और सफाई करने के बाद फिर से मशीन में पंच करने के बाद ही घर जाएंगे। इतना ही नहीं मार्च से सफाई कर्मियों का वेतन भी बायोमेट्रिक मशीन के अटेंडेंस के आधार पर ही मिला करेगा।

Update: 2018-02-06 06:50 GMT

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम के तहत काम करने वाले सफाईकर्मियों के फर्जीवाड़े पर रोक लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस महीने के अंत से सभी वार्डों में बायोमेट्रिक मशीन लगा दी जाएगी, जिससे सफाई कर्मी अपनी हाजिरी लगाएंगे और सफाई करने के बाद फिर से मशीन में पंच करने के बाद ही घर जाएंगे। इतना ही नहीं मार्च से सफाई कर्मियों का वेतन भी बायोमेट्रिक मशीन के अटेंडेंस के आधार पर ही मिला करेगा।

ऐसे होता था फर्जीवाड़ा

लखनऊ नगर निगम में कुल 2300 स्थायी और करीब 900 अस्थायी सफाई कर्मी हैं। जिनमें से ज्यादातर सफाई कर्मी सिर्फ रजिस्टर पर साइन करके वेतन उठाते हैं और कॉलोनियों में कभी सफाई के लिए नहीं जाते। इसके आलावा हजारों सफाई कर्मी ऐसे हैं जिन्होंने 100 रुपए रोजाना पर दिहाड़ी मजदूरों को सफाई के काम में लगा रखा है और खुद बिना काम किए सरकारी वेतन ले रहे हैं। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने newstrack.com को बताया की हर महीने लाखों का हेरफेर होता रहा है, इसलिए अब यह किया जा रहा है, इससे सफाई भी होगी और काम काज में पारदर्शिता भी आएगी।

कॉलोनियों में निजी सफाईकर्मी

लखनऊ नगर निगम की ओर से कॉलोनियों में सफाई व्यवस्था के लिए इन सफाई कर्मियों, सीवर सफाई करने वालों को नियुक्त किया गया है, लेकिन सफाईकर्मी कॉलोनियों में सफाई करने के लिए जाते ही नहीं। लोगों की शिकायत के बाद भी नगर निगम कुछ नहीं कर पा रहा था। हालात यहां तक ख़राब हो गए हैं कि कॉलोनियों में लोगों ने अपने खर्च पर सफाई करने वालों को नियुक्त किया है, जबकि नगर निगम इसी काम के लिए निगम के सफाईकर्मियों को हर साल लाखों रुपये का वेतन भुगतान करता है।

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