Lucknow: बड़े मंगल पर अनूप जलोटा ने गाया 'राम नाम की मधुशाला', कहा- आध्यात्मिक संगीत अकादमी खोलेंगे
Lucknow News: बड़े मंगल के मौके भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने प्रेम नारायण मेहरोत्रा रचित चर्चित काव्य कृति ‘राम नाम की मधुशाला’ के गेय संस्करण का भव्य लोकार्पण भी किया। 1
Lucknow Bada Mangal: भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा (Bhajan Samrat Padmashree Anoop Jalota) ने मंगलवार को राजधानी के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में 'ऐसी लागी लगन' और 'अच्युतम केशवम् कृष्ण दामोदरम' जैसे भजन सुनाए और श्रोताओं से भी गवाए। उन्होंने बड़े मंगल के मौके पर प्रेम नारायण मेहरोत्रा रचित चर्चित काव्य कृति 'राम नाम की मधुशाला' के गेय संस्करण का भव्य लोकार्पण भी किया।
'जलोटा एकेडमी ऑफ स्प्रिचुअल म्यूजिक'
मुख्य अतिथि गायक अनूप जलोटा ने इस मौके पर कहा कि आज कृति के दूसरे गेय संस्करण का विमोचन हो रहा है। लेखक की यह कृति विश्व में ख्याति अर्जित कर रही है। मुझे लगता है कि जब यह लिखने बैठते हैं तो हनुमान जी इनसे कलम छीनकर स्वयं लिखने लगते हैं। जलोटा ने बताया कि बहुत जल्द ही वह अपने शहर लखनऊ में 'जलोटा एकेडमी ऑफ स्प्रिचुअल म्यूजिक' खोलने जा रहे हैं। जहां आध्यात्मिक संगीत के के संग शास्त्रीय संगीत भी सिखाया जायेगा। इसका संचालन युवा संगीतशास्त्री शिवांगी बाजपेयी करेंगी।
गायन पर हुई नृत्य की प्रस्तुति
अनूप जलोटा (Bhajan Samrat Padmashree Anoop Jalota) से पहले लेखक ने अपने विचार रखे और बताया कि पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने लगभग चार वर्ष पहले इस काव्यकृति का विमोचन किया था। इस काव्यकृति पर कथक नाटिका भी तैयार हो चुकी है। आज के कार्यक्रम में अनूप जलोटा के भजन पर ज्योति किरन रतन ने नृत्य भी प्रस्तुत किया।
'रामजी हमारा कहा मान जाओ'
रचना के गेय संस्करण के संगीतकार मुम्बई के विवेक प्रकाश (Vivek Parkash) ने चार भागों में विवेक प्रकाश व रोली प्रकाश के स्वरों में रिकार्ड की गयी कृति 'राम नाम की मधुशाला' के अंशों के साथ 'हनुमत तेरी' और 'रामजी हमारा कहा मान जाओ' जैसे मधुर भजन सुनाए। डा. उषा बाजपेयी के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में आनन्द महाराज, गायिका पद्मा गिडवानी, पं.रविशंकर फाउण्डेशन के प्रभारी नबारुन चटर्जी, गणमान्य अतिथि और संगीतप्रेमी मौजूद थे। इस समारोह में प्रो. कमला श्रीवास्तव, कमलकृष्ण मेहरोत्रा, संगीतकार विवेक प्रकाश व गणमान्य उपस्थित रहे।