Lucknow : बर्लिंगटन चौराहा हुआ अशोक सिंघल चौराहा, जानिए सिंघल का यहां से क्यों था इतना लगाव

Lucknow: राजधानी के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक बॉलिंगटन चौराहा हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के नाम से जाना जाएगा।

Update:2022-09-26 15:16 IST

बर्लिंगटन चौराहा हुआ अशोक सिंघल चौराहा

Lucknow: राजधानी के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक बॉलिंगटन चौराहा हिंदू परिषद (Hindu Parishad) के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल (Ashok Singhal) के नाम से जाना जाएगा। नवरात्री के पहले दिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ (Shri Ram Janmabhoomi Teerth) क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय (General Secretary Champat Rai), विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश (Vishwa Hindu Parishad Patron Dinesh), महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक आशुतोष टंडन सहित तमाम बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं की मौजूदगी में किया गया।

अशोक सिंघल (Ashok Singhal) का यहां से काफी जुड़ाव था. वह जब भी लखनऊ में आया करते थे यहीं चौराहे के बगल में स्थित भार्गव निवास में रुकते थे। स्वर्गीय पुरुषोत्तम भार्गव उनके घनिष्ठ मित्र थे यही वजह है कि अशोक सिंघल यहां अक्सर आया करते थे और निवास भी करते थे।


अशोक सिंघल की जयंती पर बर्लिंगटन चौराहा का होगा नाम: मेयर

इस अवसर पर मेयर संयुक्ता भाटिया (Mayor Sanyukta Bhatia) ने कहा आज अशोक सिंघल जी की जयंती के अवसर पर बर्लिंगटन चौराहा जो अंग्रेजी हुकूमत द्वारा रखा गया नाम था। इसे बदलने की लम्बे से समय से मांग चल रही थी। कई बार अलग-अलग संगठन के लोगों ने इसे बदलने की मांग की थी जो आज जाकर साकार हुआ. इससे लखनऊ का पूरा जनमानस खुश है।

अशोक सिंघल को जानिए?

राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा रहे विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल का जन्म 27 सितम्बर 1926 में आगरा में हुआ था। उनके पिता महावीर सिंह सिंघल (गांव बिजोली, अतरौली, जिला अलीगढ़) एक आईसीएस (भारतीय सिविल सेवा) सरकारी अधिकारी थे। उनके छह भाई और एक बहन थी। उनके बड़े भाई विनोद पी सिंघल त्रिपुरा के मुख्य सचिव राज्य के रूप में सेवानिवृत्त थे, प्रमोद पी सिंघल उदयपुर में एक व्यवसायी थे, आनंद पी सिंघल रक्षा मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उनके छोटे भाई बीपी सिंघल, पूर्व डीजीपी , यूपी पुलिस और भाजपा नेता थे। राज्यसभा सांसद, पीयूष सिंघल मुंबई में स्थित एक व्यवसायी और दिल्ली में स्थित एक व्यवसायी विवेक सिंघल। उनकी बहन, उषा रानी सिंघल भी एक संघ प्रचारक थीं और महिलाओं के मोर्चे का नेतृत्व करती थीं। सिंघल ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी संस्थान से धातुकर्म इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री 1950 में प्राप्त की थी। 


17 नवम्बर 2015 में हुआ निधन

अशोक सिंघल का 17 नवंबर 2015 को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में 89 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। 1 अक्टूबर 2015 को, हिंदुत्व के पुरोधा पुस्तक का विमोचन किया गया और आधिकारिक तौर पर भारत के तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लॉन्च किया गया । पुस्तक में उनके राजनीतिक दल और भारत के प्रति सभी समर्पणों का वर्णन है। यह महेश भागचंदका द्वारा लिखा गया था। 

अशोक सिंघल का करियर

अशोक सिंघल 1942 में बालासाहेब देवरस के संरक्षण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए । इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने पूर्णकालिक प्रचारक बनने का विकल्प चुना।उन्होंने उत्तर प्रदेश के आसपास के विभिन्न स्थानों में काम किया, दिल्ली और हरियाणा के प्रांत प्रचारक बन गए। 1980 में, उन्हें विहिप में प्रतिनियुक्त किया गया, जो इसके संयुक्त महासचिव बने।1984 में वह महासचिव बने और बाद में कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में वह 2011 तक बने रहे। 

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