Lucknow University: प्रोफेसर रविकांत के पक्ष में उतरे NUSI व AISA, ABVP छात्र ने कराई थी FIR

Lucknow: राजधानी का लखनऊ विश्विद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर रविकांत का मामला शांत नहीं हो पा रहा। मंगलवार को यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-2 पर एनयूएसआई और एआईएसए के छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-05-17 10:02 GMT

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत के समर्थन में उतरे NUSI व AISA।

Lucknow: राजधानी का लखनऊ विश्विद्यालय (Lucknow University) बीते कई दिनों से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हिंदी विभाग के प्रोफेसर रविकांत (Professor Ravikant of Hindi Department) का मामला शांत नहीं हो पा रहा। मंगलवार को यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-2 पर एनयूएसआई और एआईएसए के छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों ने प्रोफेसर की तहरीर पर एफआईआर न दर्ज करने के मुद्दे को उठाया।

प्रोफेसर नहीं है सुरक्षित

प्रदर्शन करने वाले भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (Indian National Student Organization) के छात्र लालू कनौजिया ने बताया कि जिस प्रकार से कैंपस में एबीवीपी लगातार अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, जिसकी शुरुआत अब एक प्रोफेसर पर भी हो गई है। 100 साल विश्विविध्याल के पूरे होने के बाद भी आज एक प्रोफ़ेसर सुरक्षित नहीं है। उन पर गोली मारने जैसे नारों का प्रयोग, पुलिस के सामने विश्विद्यालय में किया जा रहा है।


बाहरी लड़के कैम्पस में कैसे आए?

एनएसयूआई (NSUI) के छात्र ने कहा कि एबीवीपी के साथ बाहर के लड़के कैम्पस में कैसे आए, उसकी जवाबदेही कौन तय करेगा? प्रॉक्टर और वी.सी. इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। विश्विविद्यालय में प्रदेश के जिलों के कोने-कोने से छात्र-छात्राएं आती हैं, जब यहां एक प्रोफ़ेसर सुरक्षित नहीं है, तो अन्य जगहों से आए अनजान छात्र क्या सुरक्षित रहेंगे।

कैंपस की गरिमा तार-तार

एनएसयूआई (NSUI) ने एबीवीपी (ABVP) द्वारा की गई घटना की निंदा करते हुए बताया कि इस तरीके की घटना कैंपस का माहौल खराब करती है। साथ ही, जिस तरीके से संगी लोगों ने एक प्रोफेसर की इज्जत को और कैंपस की गरिमा को तार-तार किया है। ऐसे अराजक तत्वों पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।


क्या है पूरा मामला?

बता दें काशी ज्ञानवापी मस्जिद (Kashi Gyanvapi Mosque) को लेकर इस समय विवाद छिड़ा हुआ है। मामला न्यायालय में है, इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रविकांत (Professor Ravikant of Hindi Department) ने एक टीवी डिबेट में मंदिर को लेकर आपत्तिजनक बातें कही थी, जिसका विरोध एबीवीपी के छात्रों ने किया था। साथ ही, एक छात्र द्वारा एफआईआर भी कराई गई है। एलयू के दूसरे प्रोफेसरों ने भी बयान की निंदा की है, हिंदी विभाग के ही दूसरे प्रोफेसर उनके बयान से अपने को अलग कर चुके हैं। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

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