Lucknow: संत गाडगे ने किया स्वामी प्रसाद का समर्थन, कहा- आजादी के 75 वर्षों बाद भी जाति और उत्पीड़न व्यवस्था लागू

Lucknow News:संत गाडगे बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा आजादी के 75 वर्षों बाद भी आज धार्मिक ग्रंथों को आधार मानकर जाति व्यवस्था व जाति उत्पीड़न व्यवस्था लागू है। इसे समाप्त कराने हेतु स्वामी प्रसाद मौर्या आए हैं।

Update:2023-02-04 15:30 IST

Saint Gadge Baba Saheb Ambedkar supported Swami Prasad maurya (Newstrack )

Lucknow News: अखिल भारतीय संत गाडगे बाबा साहब अम्बेडकर मिशन द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान का समर्थन किया है। साथ ही कहा भारत देश की आजादी के 75 वर्षों बाद भी आज धार्मिक ग्रंथों को आधार मानकर जाति व्यवस्था व जाति उत्पीड़न व्यवस्था लागू है। इसे समाप्त कराने हेतु स्वामी प्रसाद मौर्या आए हैं।

संविधान की रक्षा, बहुजनों के गौरवशाली इतिहास व प्रजातंत्र को बचाने हेतु तथा मानवता विरोधी ताकतों के विरूद्ध स्वामी प्रसाद मौर्या रामचरितमानस के अपमानजनक दोहे, चौपाई को हटाया जाने के साथ जाति आधारित जनगणना कराकर, धर्म व जाति के आधार पर शोषित लोगों को जीवन के सभी क्षेत्रों में जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी को लागू करने की मांग कर रहे।

संत गाडगे बाबा साहब अम्बेडकर ने किया स्वामी प्रसाद का समर्थन (फोटो: Newstrack)

वहीं कुछ लोग द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्या की हत्या करने की सुपारी देने की हत्या कराने पर उतारू है। जबकि इस प्रकार की सुपारी देना या जान से मार देने का षडयंत्र रचना भारतीय संविधान द्वारा अपराध की श्रेणी में आता है। जिसका पुलिस द्वारा संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएं। इतिहास में शुद्र समाज (जाति व्यवस्था के शिकार लोगों ) के लिए अनेकों-अनेक संतों, गुरूओं, महापुरुषों ने आगे आकर संघर्ष किया था। साथ ही दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों तथा नारी शक्ति के हक अधिकार की मांग की थी। ल

वाल्मीकि समाज ने किया स्वामी प्रसाद का विरोध(photo: Ashutosh Tripathi)


वाल्मीकि समाज ने किया स्वामी प्रसाद का विरोध 

वाल्मीकि समाज के समर्थकों ने हज़रतगंज स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में स्वामी प्रसाद मौर्या के विरोध में किया सुंदरकांड का पाठ। वाल्मीकि समाज ने स्वामी प्रसाद द्वारा की गई टिप्पणी को निंदाजनक बताया। 

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