स्मार्ट मीटर मामला गरमायाः नियामक आयोग का बिजली कंपनियों को नोटिस
नियामक आयोग ने गुरूवार को पावर कार्पोरेशन के अधीनस्थ कार्यरत सभी विद्युत वितरण कंपनियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा यूपी के स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली गुल होने के मामलें की एसटीएफ से जांच के आदेश के साथ ही उप्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने भी मामलें का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे प्रथमद्रष्टया नियामक आयोग द्वारा स्वीकृत इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड-2005 का गम्भीर उल्लंघन माना है। नियामक आयोग ने गुरूवार को पावर कार्पोरेशन के अधीनस्थ कार्यरत सभी विद्युत वितरण कंपनियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
आयोग ने विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश
विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत आपूर्ति में व्यवधान की इस बड़ी घटना को अपने पूर्व आदेश और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड-2005 का उल्लंघन मानते हुए पावर कॉर्पोरेशन एवं इसके अधीनस्थ सभी विद्युत वितरण कम्पनियों के प्रबन्ध निदेशकों को इस घटना, जिससे ग्रिड सुरक्षा तथा स्थिरता के लिए भी खतरा उत्पन्न हो सकता था। के मूल कारणों की समीक्षा करते हुए विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। आयोग ने यह बताने को कहा है कि विद्युत आपूर्ति में व्यवधान की इस घटना में कितने उपभोक्ता प्रभावित हुए और विद्युत आपूर्ति बहाल करने में कितना समय लगा।
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नोटिस में यह भी पूछा गया है कि क्यों न इसे लाईसेंस की शर्तों और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड-2005 का उल्लंघन मानते हुए इन पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 सपठित उत्तर प्रदेश विद्युत सुधार अधिनियम 1999 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाए। साथ ही, इस चूक में जिम्मेंदार व्यक्तियों और संस्थाओं की जिम्मेंदारी भी तय की जाए।
ये है पूरा मामला
आयोग ने कहा है कि पावर कॉर्पोरेशन की स्मार्ट मीटर योजना को मंजूरी देने पर विचार करते समय भी नियामक आयोग ने मीटररीडिंग के बैक-अप और संचार विफलता की आशंका जताते हुए चिंता व्यक्त की थी। उस समय आयोग ने अपने आदेश में उपभोक्ता सूचना की सुरक्षा और गोपनीयता के निर्देश भी दिए थे।
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बता दें कि बुधवार को गलत कमांड देने के कारण यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली घंटो के लिए गायब हो गई थी। जिस पर नाराज उपभोक्ताओं ने बिजली उपकेंद्रों को घेर लिया था और कई जगह तो पुलिस को भी बुलाना पड़ा था।