Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के 15 छात्रों का हुआ कैंपस प्लेसमेंट, अधिकतम पैकेज 5 लाख सालाना

Lucknow University: 15 छात्र-छात्राओं का 3 कम्पनियों- असमदिया टेक्नोलॉजीस, गीतांजलि होमस्टेट और ज़ाइप इंडिया में कैंपस प्लेसमेंट हुआ। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय एवं संकाय के डीन प्रो. ए. के. सिंह ने चयनित छात्रों को बधाई दी।

Update:2023-04-10 22:42 IST
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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकीय संकाय के प्लेसमेंट सेल द्वारा आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में 15 छात्र-छात्राओं का 3 कम्पनियों- असमदिया टेक्नोलॉजीस, गीतांजलि होमस्टेट और ज़ाइप इंडिया में कैंपस प्लेसमेंट हुआ। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय एवं संकाय के डीन प्रो. ए. के. सिंह ने चयनित छात्रों को बधाई दी।

प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ. हिमांशु पाण्डेय ने बताया

प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ. हिमांशु पाण्डेय ने बताया कि बीसीए छात्रों के लिए आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में असमदिया टेक्नोलॉजीस कंपनी में 10 छात्र-छात्राओं- अंकुर वर्मा, अनुपम वर्मा, जतिन यादव, नितेश यादव, रुश्दिया, श्रद्धा मिश्रा, आकर्षि रोहतगी, रोहन चौरसिया,जाह्नवी शर्मा और तान्या त्रिपाठी का चयन जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर के पद पर अधिकतम 3.5 लाख प्रतिवर्ष के पैकेज पर हुआ। गीतांजलि होमस्टेट कम्पनी में बीटेक के 02 छात्रों- नवाजिश बेग और मोहित गंगवार का चयन 4.0 लाख प्रतिवर्ष के पैकेज पर हुआ। एमसीए के 2 छात्रों मुहम्मद अब्दुल्ला और कृतिका का चयन 5.0 लाख प्रतिवर्ष के पैकेज पर बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के पद पर हुआ। ज़ाइप टेक इंडिया कम्पनी में एमसीए के छात्र शुभम गौतम का चयन पीएचपी डेवलपर ट्रेनी के पद पर चयन हुआ है| कंपनी ने छात्र को इंटर्नशिप के दौरान 14000 प्रति माह और उसके बाद अधिकतम 3.0 लाख प्रतिवर्ष का पैकेज ऑफर किया है।

पॉक्सो अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा पॉक्सो अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अंजशि मिश्रा ने की, जिन्होंने बच्चों को पोक्सो अधिनियम व उसके महत्व के बारे में बताया। बच्चों को इस विषय पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

आगे श्वेता सिंगार द्वारा अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श( गुड टच - बैड टच ) के बीच के अंतर को समझाया गया जो बच्चों के लिए निडरता से अधिनियम के खिलाफ बोलने में सक्षम होने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अंतर स्पष्ट करने के लिए बच्चों को उचित उदाहरण दिए गए। कार्यशाला में आगे बढ़ते हुए शिवांगी सिंह ने इस तरह के कृत्य के लिए दंड के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि ऐसी कोई घटना होने पर बच्चों को तुरंत अपने माता-पिता, अभिभावक या अन्य किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को सूचित करना चाहिए और उन्हें आश्वासन दिया कि अपराधी को दंडित करवाया जाएगा।

सुयश त्रिपाठी द्वारा बच्चों को ऐसे जघन्य कृत्यों से बचाने के लिए शिक्षकों और स्कूल अधिकारियों की जिम्मेदारी समझाई गई। उन्होंने एक आरामदायक और मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाने के महत्व पर जोर दिया ताकि बच्चे घटना की रिपोर्ट करने में संकोच न करें और शिक्षकों को इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है।अंत में विधिक सहायता केंद्र की वरिष्ठ सदस्या रोशनी ठाकुर ने छात्रों से यह पूछकर कार्यशाला का समापन किया कि क्या वे गुड टच और बैड टच के बीच के अंतर को समझते हैं और उन्हें शिक्षा के अधिकार के बारे में बताया।

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