Lucknow: LUMSC बनाने के लिए छात्रों से मिली समिति, VC ने देखी सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मध्य काल की झलक

Lucknow: लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रमों के मेधावी छात्रों को आज मुख्य परिसर में डीन छात्र कल्याण के कार्यालय में 3 ऑनलाइन मीटिंग के बाद शॉर्टलिस्ट किया गया है।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-06-29 15:20 GMT

LUMSC बनाने के लिए छात्रों से मिली समिति। 

Lucknow: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रमों के मेधावी छात्रों को आज मुख्य परिसर में डीन छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) के कार्यालय में आमंत्रित किया गया था। इन मेधावी छात्रों को 3 ऑनलाइन मीटिंग के बाद शॉर्टलिस्ट किया गया है। समिति के सदस्यों ने इन छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मार्गदर्शन और प्रेरित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से बातचीत की।

65 टॉपर छात्रों में से की गई सिफारिश

प्रस्तावित एलयूएमएससी के प्रमुख उद्देश्य शैक्षणिक, खेल, सांस्कृतिक और अन्य पाठ्येतर गतिविधियों की दिशा में विश्वविद्यालय की गतिविधियों के आयोजन में छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। समिति के सदस्यों द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर मेधावी छात्रों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष (2 सदस्य), महासचिव, संयुक्त सचिव (2 सदस्य), लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से एक-एक प्रतिनिधि और छात्र के रूप में नामित किया जाएगा। खेल, कला, संस्कृति, मीडिया और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के समन्वयक भी होंगे। समिति ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लगभग 65 टॉपर छात्रों में से की सिफारिश की।

VC के अनुमोदन पर होगा परिषद का अंतिम गठन

डीन छात्र कल्याण प्रो पूनम टंडन (Dean Student Welfare Prof Poonam Tandon) ने बताया कि समिति की अनुशंसा के आधार पर, एलयूएमएससी के लिए संभावित छात्रों की एक सूची तैयार है और परिषद का अंतिम गठन कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai)के अनुमोदन से किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रोफेसर राय ने हमेशा विश्वविद्यालय प्रणाली के समग्र विकास में छात्र उन्मुख और छात्र समावेशी दृष्टिकोण पर जोर दिया है।

सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मध्य काल इतिहास तक दिखी झलक

कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai) ने प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग और राजनीति विज्ञान विभाग का निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों विभागों को सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग में स्थापित शैक्षणिक संग्रहालय का भी निरीक्षण किया। इस संग्रहालय में सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) से संबंधित पात्रावशेष एवं पुरावशेष, से लेकर मध्यकाल (medieval period) तक के पात्रावशेष एवं पुरावशेष, मूर्तियां, सिक्के आदि प्रदर्शित किए गए हैं। यहां पर अजंता, सांची आदि स्मारकों के ऑन-स्केल प्रतिकृति रखे गए हैं, जिससे यहां अध्ययन करने वाले छात्रों को अत्यधिक सुविधा प्राप्त होती है।

Tags:    

Similar News