UP: अमेठी से गांधी परिवार का मोहभंग! 25 साल बाद मुकाबले में नहीं होगा ‘गांधी कुनबे’ का सदस्य
Amethi Seat History: कांग्रेस ने इस बार अमेठी से राहुल गांधी की जगह किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है। 1999 के बाद पहला ऐसा मौका है जब अमेठी सीट पर कोई भी गांधी परिवार का सदस्य चुनावी मैदान में नहीं है।
Amethi Seat History: लोकसभा चुनाव को लेकर आज यूपी की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। अमेठी में किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया गया है। वहीं रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं। गांधी परिवार के लिए अमेठी सीट हमेशा से परंपरागत सीट मानी जाती रही है। 1999 के बाद से 2019 तक यानी 25 सालों तक लगातार अमेठी सीट पर गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य उम्मीदवार के तौर पर रहा। लेकिन 25 साल बाद इस बार के लोकसभा चुनाव में ऐसा मौका होगा जब इस सीट पर गांधी परिवार से कोई उम्मीदवार नहीं होगा। दरअसल, आज सुबह कांग्रेस की तरफ से अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर एक लिस्ट जारी की गई, जिसमें अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को दावेदार बनाया गया है। अबतक यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस सीट से एक बार फिर राहुल गांधी मैदान में होंगे, लेकिन पार्टी की रणनीति कुछ और सामने आई। इसको लेकर अब सियासी माहौल एक बार फिर बदल गया है।
लगातार 15 सालों तक राहुल अमेठी से रहे सांसद
1999 में सोनिया गांधी ने अपना पहला सांसदी चुनाव अमेठी सीट से ही लड़ा था। बाद में उन्होंने 2004 में यह सीट अपने राहुल गांधी के लिए छोड़ दी। राहुल ने अमेठी सीट से 2004, 2009, 2014 के आम चुनावों में लगातार जीत दर्ज की। लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया। 1998 में अमेठी सीट से गांधी परिवार के करीबी कैप्टन सतीश शर्मा चुनावी मैदान में थे। उसके बाद से लगातार यह सीट गांधी परिवार के लिए आरक्षित रही है।
राजीव गांधी के बेहद करीबी थे कैप्टन सतीश शर्मा
2024 के लोकसभा चुनाव में भी इस बात के कयास काफी मजबूत थे कि अमेठी से एक बार फिर राहुल गांधी दावेदार बन सकते हैं। लेकिन, पार्टी की ओर से आज सुबह जारी की गई लिस्ट में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा के नाम का ऐलान किया गया। 1991 में राजीव गांधी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कैप्टन सतीश शर्मा ने जीत हासिल की। बता दें, वह राजीव गांधी के बेहद करीबियों में शामिल थे। 1996 में भी वह चुनाव जीते लेकिन, 1998 में हार गए। 1998 में बीजेपी के संजय सिंह ने अमेठी पर अपना कब्जा जमाया था।
अमेठी के सांसदों का इतिहास एक नजर में
साल | सांसद का नाम | पार्टी |
1967 | विद्याधर बाजपेई | कांग्रेस |
1971 | विद्याधर बाजपेई | कांग्रेस |
1977 | रवींद्र प्रताप सिंह | भारतीय लोक दल |
1980 | संजय गांधी | कांग्रेस |
1981 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1984 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1989 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1991 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1991 | सतीश शर्मा | कांग्रेस |
1996 | सतीश शर्मा | कांग्रेस |
1998 | संजय सिंह | भाजपा |
1999 | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
2004 | राहुल गांधी | कांग्रेस |
2009 | राहुल गांधी | कांग्रेस |
2014 | राहुल गांधी | कांग्रेस |
2019 | स्मृति जूबिन इरानी | भाजपा |