69000 शिक्षक भर्ती मामलाः अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर किया प्रदर्शन, की ये मांग

69000 Teacher Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया।

Update: 2024-08-20 08:00 GMT

69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर किया प्रदर्शन (आशुतोष त्रिपाठी)

69000 Teacher Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने भर्ती को लेकर नया कार्यक्रम जारी करने की मांग की। 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे भी लगाये। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ही पहले जारी की गई सूची रद्द कर दी है तो फिर भर्ती का नया कार्यक्रम जारी किया जाना चाहिए। 

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल के मुताबिक साल 2018 में शिक्षकों की यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। भर्ती परीक्षा के परिणाम आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया। उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिये हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी सरकार इस मामले में हीलाहवाली कर रही है। अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार जल्द इस प्रकरण का समाधान करें। शेड्यूल जारी करके बताएं कि अभ्यर्थियों की नियुक्ति कब की जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पालन न किए जाने को लेकर भर्ती के लिए पूर्व में जारी की गई सभी सूचियों को रद्द करने के आदेश दिये हैं। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को तीन माह में नई सूची जारी करने का निर्देश दिये हैं। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के आने के बाद से ही राज्य सरकार सक्रिय हो गयी है।


बीते शनिवार और रविवार को छुट्टी के बावजूद बेसिक शिक्षा निदेशालय खुला रहा। वहीं बीते रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा समेत अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिक्षकों की भर्ती मामले में उच्चतम न्यायालय पर्यवेक्षण और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में ही भर्ती के लिए नई सूची तैयार की जाए।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान में दी गई आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के सभी पात्र अभ्यर्थियों को मिले। साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ भी कोई अन्याय न होने पाए।  

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