Lucknow News: जेल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित दो दिवसीय संगोष्ठी संपन्न
Lucknow News: लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी " स्वास्थ्य और सुधार, हर बंदी का अधिकार: जेल स्वास्थ्य सशक्तिकरण और नई टूल किट की पहल" का गुरुवार को समापन हो गया।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश कारागार विभाग और इंडिया विजन फाउंडेशन के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) द्वारा लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी " स्वास्थ्य और सुधार, हर बंदी का अधिकार: जेल स्वास्थ्य सशक्तिकरण और नई टूल किट की पहल" का गुरुवार को समापन हो गया। इस बाबत जेल मुख्यालय से जानकारी दी गई। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करना, संक्रामक रोगों का नियंत्रण, और मानसिक स्वास्थ्य तथा मादक पदार्थों के दुरुपयोग की समस्या को हल करने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ तैयार करना था। कार्यक्रम में जेलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की वर्तमान स्थिति, सुधार के लिए आवश्यक कदम और संबंधित चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।
अधिकारियों ने साझा किए अनुभव
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह कार्यक्रम कारागार प्रबंधन और स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें उन्होंने इन मुद्दों पर समाधान ढूंढने के लिए अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। कार्यक्रम का समापन उत्तर प्रदेश कारागार अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित समाधानों की प्रस्तुति के साथ हुआ। बैठक के अंत में पुलिस महानिदेशक कारागार ने सभी प्रतिभागियों से इस सम्मेलन के दौरान प्राप्त सीख और अनुभवों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने सभी की सहभागिता की सराहना की और विशेष रूप से भारत विजन फाउंडेशन, संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNODC) और अन्य सहभागी संस्थाओं को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद प्रकट किया।
महत्वपूर्ण बिंदुओं को हर जेल में प्रसारित करने के निर्देश
डीजी जेल ने इस सम्मेलन से प्राप्त जानकारी, स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता और सीखे गए महत्वपूर्ण बिंदुओं को प्रदेश की सभी जेलों में आगे प्रसारित करने के निर्देश दिए। समापन समारोह में यूएनओडीसी की क्रिमिनल जस्टिस एक्सपर्ट सीमा जोशी आर्य द्वारा पुलिस महानिदेशक कारागार के माध्यम से कारागार विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया गया। दो दिवसीय संगोष्ठी ने जेल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि जेलों में स्वास्थ्य सुधार न केवल कैदियों के जीवन को बेहतर बनाएगा बल्कि समाज में उनके पुनः एकीकरण की प्रक्रिया को भी सरल बनाएगा।