AKTU: AICTE ने स्वीकारा प्रस्ताव, नैक व एनबीए मान्यता वाले संस्थानों को मिलेगी पांच साल की संबद्धता
AKTU: कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि प्राविधिक विश्वविद्यालय के कानून में एक, तीन व पांच वर्ष की संबद्धता देने का नियम है। जिसके लिए हमने एआईसीटीई को प्रस्ताव भेजा था। उसे तकनीकी शिक्षा परिषद ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही गाइडलाइन जारी कर इस वर्ष के एपीएच में भी शामिल कर लिया है।
Lucknow News: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने नैक और एनबीए मान्यता प्राप्त संस्थानों या कॉलेजों को तीन व पांच वर्ष की संबद्धता देने का फैसला लिया है। अब तक सभी कॉलेजों और संस्थानों को सिर्फ एक साल की ही संबद्धता दी जाती है। कॉलेजों को हर वर्ष संबद्धता के लिए आवेदन करना पड़ता है।
संस्थानों को तीन व पांच वर्ष की संबद्धता मिलेगी
एकेटीयू ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को एक्ट के अनुसार संस्थानों को तीन व पांच वर्ष की संबद्धता देने का प्रस्ताव भेजा था। जिसे तकनीकी शिक्षा परिषद ने स्वीकार लिया है। इस संबध में एआईसीटीई ने गाइडलाइन जारी कर दी है। साथ ही तकनीकी शिक्षा परिषद ने अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका (एपीएच) 2024-25 में भी इस विषय को शामिल कर लिया है। जिससे अब एकेटीयू को पहले से संबद्ध कॉलेजों को तीन और पांच वर्ष की संबद्धता देने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
एआईसीटीई ने स्वीकारा प्रस्ताव
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि प्राविधिक विश्वविद्यालय के कानून में एक, तीन व पांच वर्ष की संबद्धता देने का नियम है। जिसके लिए हमने एआईसीटीई को प्रस्ताव भेजा था। उसे तकनीकी शिक्षा परिषद ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही गाइडलाइन जारी कर इस वर्ष के एपीएच में भी शामिल कर लिया है। कुलपति बताते हैं कि एकेटीयू की कार्य परिषद से संबद्धता संबंधित प्रस्ताव पास है। कुलपति के अनुसार जिन कॉलेजों को तीन या पांच वर्ष की संबद्धता प्रदान की जाएगी उन्हें अगले वर्ष से सिर्फ किसी तरह के बदलाव की स्थिति में ही अनुमति लेनी होगी।
नैक और एनबीए की मान्यता जरूरी
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि तीन व पांच वर्ष की संबद्धता के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) की मान्यता होना जरूरी है। बिना इसके मानकों को पूरा किए कॉलेजों को तीन या पांच वर्ष की संबद्धता नहीं मिल सकेगी। नैक और एनबीए मान्यता वाले कॉलेजों को तीन या पांच वर्ष की संबद्धता मिलने से अन्य कॉलेज भी प्रोत्साहित होंगे। कुलपति का कहना है कि संबद्धता के इस पहलू से अन्य संस्थान भी नैक और एनबीए मान्यता के लिए आगे आएंगे।