Lucknow News: अखिलेश यादव से मिले सिख और पंजाबी संगठनों के लोग, दी बधाई
Lucknow News: अखिलेश यादव ने गुरु नानक के प्रकाश पर्व पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि नानक जी ने मानवता को परमात्मा की उपासना के साथ सेवा का अप्रतिम मार्ग भी सुझाया।
Lucknow News: ‘सतगुरू नानक प्रगट्या, मिली धुंध जग चानन होया।‘ ऐसे महान संत, समाज सुधारक और सिख पंथ के महान मार्गदर्शक गुरु नानक जी की 555वीं जयंती पर आज कई प्रमुख सिख तथा पंजाबी संगठनों के प्रतिनिधियों ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पर भेंट की। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने उन्हें पावन पर्व पर शुभकामनाएं और बधाई दी।
गुरू नानक जी ने सामाजिक बुराईयों का किया विरोध
अखिलेश यादव ने गुरु नानक के प्रकाश पर्व पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि नानक जी ने मानवता को परमात्मा की उपासना के साथ सेवा का अप्रतिम मार्ग भी सुझाया। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहब में सिख गुरुओं के उपदेशों के अलावा 30 अन्य संतों और मुस्लिम भक्तों की वाणी भी संकलित की। इनमें कबीर, रविदास, नामदेव, धन्ना और शेख फरीद की वाणी भी है। गुरू नानक जी ने सामाजिक बुराईयों का भी विरोध किया। गुरू के पावन पर्व पर अखिलेश यादव से सनातनी पंजाबी महासभा के कार्यवाहक अध्यक्ष पवन मनोचा, उ0प्र0 सिख विचार मंच के अध्यक्ष गुरजीत छाबड़ा, महामंत्री कपिल अरोड़ा, उपाध्यक्ष अमृत पाल सिंह, कैण्ट परिक्षेत्र युवा व्यापार मंडल चेयरमैन मनमोहन सिंह, महामंत्री कुश अरोड़ा, महामंत्री रूबल सिंह, संगठन मंत्री सागर कोहली, सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद, हरप्रीत सिंह, हरदीप सिंह राशू, ओपी सिंह, प्रवजीत नंदा, लखजीत सिंह रिंकू, सुधीर मेहरोत्रा आदि ने भेंट की।
लोगों को नानक जयंती के साथ ही दी कार्तिक पूर्णिमा की बधाई
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर बधाई देते हुए सभी के सुख-समृद्धि की कामना की है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुरु नानक दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, योगी और देशभक्त थे। समाज से अंधविश्वास, आडम्बर और जात पात की बुराई खत्म करने के लिए उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की। वे सिखों के प्रथम गुरू थे। सिख धर्म के माध्यम से उन्होंने मानवता को निर्गुण उपासना, निःस्वार्थ सेवा, त्याग, समर्पण और ईमानदारी का रास्ता दिखाया। उन्होंने गरीब-अमीर, छोटे-बड़े और सभी जाति के लोगों को अपनाया। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही सामाजिक न्याय, परस्पर एकता और सद्भावपूर्ण सामाजिक व्यवस्था कायम हो सकती है।