Lucknow Hanumant Dham: और दिव्य नजर आएगा प्राचीन हनुमंत धाम, श्रद्धालुओं की सुविधा को पर्यटन विभाग ने लिया ये निर्णय

Lucknow Hanumant Dham: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने हनुमंत धाम मंदिर में दो करोड़ रूपये की परियोजनाएं तैयार की है। इस धनराशि से मंदिर परिसर में बुनियादी सुविधायें सुलभ कराई जायेगी।

Update: 2024-07-29 10:50 GMT

प्राचीन हनुमंत धाम को विकास करेगा पर्यटन विभाग (न्यूजट्रैक)  

Lucknow Hanumant Dham: उत्तर प्रदेश को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पर्यटन स्थलों का विकास और सौंदर्यीकरण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। जिससे पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। पर्यटन स्थलों की मौजूदा सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है।

राजधानी लखनऊ के भी कई अन्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के इमारतों एवं मंदिरों आदि का सौन्दर्यीकरण कार्य कराया जा रहा है। इसी के तहत पर्यटन विभाग ने राजधानी के गोमती नदी के तट पर स्थित प्राचीन हनुमंत धाम मंदिर का सौंदर्यीकरण कराने का निर्णय लिया है। श्रद्धालुओं एवं आगन्तुकों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने हनुमंत धाम (Hanumant Dham) मंदिर में दो करोड़ रूपये की परियोजनाएं तैयार की है। इस धनराशि से मंदिर परिसर में बुनियादी सुविधायें सुलभ कराई जायेगी। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।


प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर है हनुमंत धाम

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गोमती नदी के तट पर स्थित हनुमंत धाम (Hanumant Dham) एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर है। यह राजधानी लखनऊ के धार्मिक स्थलों में अपनी अलग पहचान रखता है। विभिन्न अवसरों पर इस धाम पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजन करने के लिए आते हैं। गोमती नदी के तट स्थित हनुमंत धाम पर पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। हनुमंत धाम (Hanumant Dham) प्राचीन और भव्य मंदिर है। इस मंदिर का अपना अलग महत्व है।

इस मंदिर की भव्यता को देखने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां दर्शन और पूजन के बाद पर्यटकों को इसी क्षेत्र में स्थित बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा आदि का भ्रमण करने भी आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि यहां बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में मूलभूत आवश्यकताएं सुलभ करायी जायेंगी। श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच व अन्य सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा।

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