LDA News: जनता अदालत में अधिकारियों की दर्ज होगी उपस्थिति, गैर हाजिरी पर रोका जाएगा वेतन

LDA News: अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि जनता अदालत में कुल 33 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 10 प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।

Written By :  Santosh Tiwari
Update: 2024-07-18 14:21 GMT

शिकायतों की सुनवाई करते LDA वीसी। Photo- Newstrack

LDA News: लखनऊ विकास प्राधिकरण में गुरूवार को जनता अदालत का आयोजन किया गया। इसमें कुछ अफसरों की गैर हाजिरी के चलते जनता के कार्य में विलम्ब हुआ तो प्राधिकरण के नव नियुक्त उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने सभी अधिकारियों की उपस्थिति नोट करने के निर्देश दिए। उपाध्यक्ष ने तत्काल आदेश जारी किये कि अब से जनता अदालत में सभी अनुभाग के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी और सभी की हाजिरी दर्ज की जाएगी। इसमें जो गैर हाजिर होगा, उसका एक दिन का वेतन रोक दिया जाएगा। साथ ही बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने पूर्व में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की रिपोर्ट भी तलब कर ली।

दो सप्ताह के भीतर करें शिकायतों का निस्तारण

वीसी ने जब रिपोर्ट जांची तो कुछ शिकायतों में आधी-अधूरी रिपोर्ट लगी थी, जबकि कुछ का निस्तारण गुणवत्ता पूर्वक नहीं किया गया था। इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब से प्रत्येक शिकायत का दो सप्ताह के अंदर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना होगा। इसमें निस्तारण की पूरी रिपोर्ट के साथ ही मौके की तस्वीरें भी लगानी होंगी। साथ ही उन्होंने निस्तारण रिपोर्ट में शिकायतकर्ता का नंबर दर्ज करने की बात भी कही।

नेहरू एन्क्लेव के पार्क में अराजकता की शिकायत

जनता अदालत के दौरान नेहरू एन्क्लेव निवासी रिटायर्ड प्रिंसिपल आरएन श्रीवास्तव ने घर के सामने बने पार्क में अराजकता का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि घर के सामने बने सरकारी पार्क में आए दिन युवक-युवतियां आते हैं और शराब आदि का सेवन करते हैं। मना करते हुए दबंगई करते हैं। उन्होंने पूर्व में कई बाई शिकायत करने के बावजूद सुनवाई न होने पर नाराजगी जाहिर की है।

कई मामलों की हुई सुनवाई

सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि जनता अदालत में पहुंचे ऐशबाग के रामनगर निवासी मनीष श्रीवास्तव ने प्रार्थना पत्र दिया कि वर्ष 1980 में प्राधिकरण ने उनकी दादी अशर्फी देवी को ई0डब्ल्यू0एस0 भवन संख्या-एस-56 आवंटित करते हुए अनुबंध के आधार पर भौतिक कब्जा दे दिया था। मनीष के मुताबिक दादी के देहांत के बाद उन्होंने भवन का नामांतरण अपने पक्ष में करा लिया। इस बीच उनसे भवन के पंजीकरण की 300 रूपये की मूल रसीद कहीं खो गयी। अब रजिस्ट्री के लिए आवेदन करने पर प्राधिकरण द्वारा गणना करके 2 लाख 30 हजार रूपये की धनराशि व अतिरिक्त ब्याज लगाया जा रहा है, जिसे चुका पाने में वह असमर्थ हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये की समस्या का समाधान हाल ही में प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पारित हुए प्रस्ताव के तहत ब्याज हटाकर कराया जाए। इसके अलावा जानकीपुरम के सेक्टर-एफ से आये वीरेन्द्र पाण्डेय व अन्य लोगों ने शिकायत की कि मकान संख्या-446 से लेकर 450 के सामने वाली सड़क पर कुछ लोगों ने दीवार बनाकर व निर्माण सामाग्री ढेर करके अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे स्थानीय लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है। इस पर उपाध्यक्ष ने जोन-5 के अधिशासी अभियंता को तीन दिन के अंदर स्थल निरीक्षण करके कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। वहीं, जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर-8 निवासी अम्बरीश कुमार ने भवन के दाखिल खारिज के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर उपाध्यक्ष ने एक सप्ताह के अंदर कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि जनता अदालत में नामांतरण, फ्री-होल्ड, रजिस्ट्री व अवैध निर्माण आदि से सम्बंधित कुल 33 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 10 प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। वहीं, शेष प्रकरणों के निस्तारण के सम्बंध में उपाध्यक्ष महोदय द्वारा समय-सीमा निर्धारित करते हुए अधिकारियों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है।

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