Lucknow University: डॉ. लोहिया की प्रतिमा टूटने का मामला, खंगाले गए सीसीटीवी कैमरे
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉ. लोहिया की मूर्ति टूटने के मामले की जांच के लिए गठित समिति ने अब नई जानकारियां को खंगालना शुरु कर दिया है। मामले की जांच के लिए गठित टीम ने जांच के अंतिम दिन मूर्ति के अगल-बगल लगे सीसीटीवी कैमरों की तफ्तीश की।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉ. लोहिया की मूर्ति टूटने के मामले की जांच के लिए गठित समिति ने अब नई जानकारियां को खंगालना शुरु कर दिया है। मामले की जांच के लिए गठित टीम ने जांच के अंतिम दिन मूर्ति के अगल-बगल लगे सीसीटीवी कैमरों की तफ्तीश की। मामले की जांच के लिए गठित समिति में कुल सात सदस्य थे।
आठ जनवरी को एलयू में वाणिज्य विभाग के सामने लगी डॉ. राम मनोहर लोहिया की मूर्ति टूट गयी थी। इस मामले में गठित जांच समिति ने सोमवार को सीसीटीवी कैमरे खंगाले। समिति ने मूर्ति टूटने के अन्य कारणों के बारे में भी जानकारी मांगी है। एलयू में वाणिज्य विभाग के हेड प्रो. राम मिलन के नेतृत्व में कैमरे को देखे गए। जानकारी के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों में कुछ संदिग्ध नहीं मिला। जांच समिति के अध्यक्ष प्रो. राम मिलन ने आर्ट्स कॉलेज के मूर्तिकला विभाग की शिक्षिका विभावरी सिंह से मूर्ति टूटने के अन्य कारणों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी। जिससे डॉ. लोहिया की मूर्ति के टूटने के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके।
छात्रसभा के प्रदर्शन के बाद बनी जांच समिति
बीती आठ जनवरी को डॉ. लोहिया की मूर्ति टूटने पर समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने टूटी हुई प्रतिमा के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन दिया। साथ ही छात्रसभा ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की थी। एलयू के चीफ़ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने प्रो. राम मिलन की अध्यक्षता वाली इस सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। जांच समिति में डॉ. राजेश्वर यादव, डॉ. कमर इकबाल, डॉ. प्रवीश प्रकाश और डॉ. ओपी शुक्ला थे। जांच समिति से एक सप्ताह के भीतर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गयी थी। जांच पूरी करने के आखिरी दिन समिति के अध्यक्ष प्रो. राम मिलन के साथ समिति ने सीसीटीवी कैमरे देखे।