Lucknow News: बैंकॉक से म्यांमार तक गिरोह चलाने वाला 'International ठग' चढ़ा पुलिस के हत्थे, पूछताछ में खोला बड़ा राज
Lucknow News: म्यांमार के साइबर ठगों के गिरोह का शिकार हुए यूपी के 38 युवक बीते 11 मार्च की देर रात लखनऊ पहुंचे थे।;
Lucknow News: म्यांमार के साइबर ठगों के गिरोह का शिकार हुए यूपी के 38 युवक बीते 11 मार्च की देर रात लखनऊ पहुंचे थे। आपको बता दें कि म्यांमार में बंधक बने युवकों को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से हस्तक्षेप पर छुड़ाया जा सका था। जिसके बाद म्यांमार से वापस आए लखनऊ के रहने वाले युवकों ने मदेयगंज थाने में तहरीर देकर इस पूरे मामले में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ-साथ न्याय की गुहार लगाई थी। मामले में मुकदमा दर्ज कर तेजी से साइबर ठगी के गिरोह में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाने लगी। इसी बीच लखनऊ की साइबर पुलिस व मदेयगंज पुलिस टीम ने मंगलवार को इसी गिरोह के जीशान खान नाम के एक International ठग को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने अभी तक कुल 3 अभियुक्त किए गिरफ्तार
आपको बताते चलें कि साइबर ठगों के गिरोह से छूट कर आने के बाद लखनऊ के मदेयगंज थाने में थाना क्षेत्र निवासी सुल्तान सलाहउद्दीन रब्बानी व सादिक मिर्जा ने तहरीर देते हुए एजेन्ट जावेद इकबाल, मो० अहमद खान व जीशान खान तथा उनके साथियों के खिलाफ बैंकाक में डाटा एंट्री का काम दिलाने के बहाने बैंकाक से म्यांमार ले जाकर पासपोर्ट छीनकर व बंधक बनाकर साईबर ठगी का काम करवाने का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में तेजी के साथ छानबीन में जुटी पुलिस ने बीते 15 मार्च को जावेद इकबाल व मो० अहमद खान उर्फ भैय्या नाम के 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार अभियुक्तों से हुई पूछताछ के बाद मंगलवार को जीशान खान नाम के एक International ठग को भी गिरफ्तार किया गया है।
म्यांमार में गिरोह का सदस्य कराता था ठगी छीन लेते थे पासपोर्ट
गिरफ्तार हुए अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि म्यांमार में रफ्फाक राही नाम का इनका मित्र व गिरोह का सक्रिय सदस्य म्यांमार की एक कम्पनी में HR के पद पर नियुक्त है। जो कि म्यांमार मे साईबर ठगी का काम करता है। अभियुक्तों ने बताया कि उसी के कहने पर लोग थाइलैण्ड/बैंकॉक में डाटा एंट्री के नाम पर नौकरी दिलवाने का लालच देकर लोगों को बैंकॉक भेज देते है और फिर वहाँ से रफ्फाक राही के लोग उन व्यक्तियों को अनाधिकृत रुप से म्यांमार तक पहुँचाते हैं। म्यांमार पहुंचने के बाद गिरोह के लोग उन लोगों से पासपोर्ट छीनकर, उन्हें बन्धक बनाकर डाटा एंट्री का काम न करवाकर जबरदस्ती साइबर ठगी का काम करवाते हैं।
वापस आने की हुई इच्छा तो जमा करने होते थे 3 लाख रुपए
अभियुक्तों ने इस पूरे खेल से पर्दा उठाते हुए बताया कि म्यांमार पहुंचे लोगों में से यदि किसी को वापस आने की इच्छा होती है तो उसे 3 लाख रुपये जमा करने होते हैं, जिसके बाद रफाक उनको वापस उनके देश भेजता है। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि लड़कों को वापस उनके देश भेजने का हमारे ग्रुप को 500 डालर प्रति व्यक्ति मिलता था। अभियुक्तों ने बताया कि हमारे इस कार्य में मेरे अन्य सहयोगी लड़के सहयोग करते हैं, जो अलग अलग शहरों से लोगों के बैंक खाते खरीदते हैं। उन्हीं बैंक खातों को हम हमारे विदेश में बैठे साथी रफ्फाक राही व टेलीग्राम, फेसबुक, लिंकडिन आदि सोशल मीडिया ऐप के माध्यम से लोगों से सम्पर्क करके इन्वेस्टमेण्ट ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी करने वाले उसके अन्य साथियों को अपने सहयोगियों के माध्यम से उपलब्ध करा देते हैं, जिनमें हमारे विदेश में बैठे सहयोगियों के द्वारा साईबर ठगी का पैसा मंगवाया जाता है। जिसे हमारे सहयोगी लड़कों के द्वारा अलग-अलग शहरों से एटीएम के माध्यम से निकाल लिया जाता है।
Whatsapp चैट से खुले कई राज
पुलिस टीम ने बताया कि इस काम में गिरफ्तार हुआ जीशान खान नाम का अभियुक्त लोगों से सम्पर्क कर उन्हें विदेश भेजने में सहयोग करता है। इतना ही नहीं, पुलिस ने बताया कि अभियुक्त जावेद इकबाल तथा उसके सहयोगियों के बीच व्हॉटसप के माध्यम से जिन खातों का आदान प्रदान किया गया है, उनको साइबर पुलिस पोर्टल पर चेक करते हुए पाया गया कि उन खातों में ज्यादातर खातों में देश के विभिन्न राज्यों करीब 41 साईबर शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस टीम ने बताया कि मंगलवार को गिरफ्तार हुए अभियुक्त के कब्जे से 4 स्मार्ट मोबाइल फोन, 2 पासपोर्ट, 3 एटीएम कार्ड, 22 चैकबुक/पासबुक, एक सिमकार्ड व अन्य सामग्री बरामद हुई है।