Lucknow Crime: पीजीआई की डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 2. 81 करोड़, 7 खातों में ली रकम, मनी लॉन्ड्रिंग का दिखाया डर
Lucknow Crime: फर्जी सीबीआई अधिकारी ने रुचिका से कहा कि मेरी रिक्वेस्ट पर आपकी गिरफ्तारी न कर के आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाएगा और आपसे पूछताछ होगी।
Lucknow Crime: साइबर क्राइम करने वालों के हौसले बुलंद हैं और आए दिन साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक घटना लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र से सामने आई है। जहां आरोपियों ने पीजीआई की चिकित्सक रुचिका टंडन से 5 दिनों के भीतर 2.81 करोड़ रुपये ठग लिए। उन्हें पहले TRAI अफसर बनकर अंजान नंबर से फोन किया गया और उनसे बताया गया कि आपके नंबर पर 22 शिकायतें हुई हैं। इस वजह से ये नंबर बंद किया जा रहा है। इसी के बाद ठगी का पूरा खेल शुरू हुआ।
साइबर थाने में दी गई शिकायत में चाणक्यपुरी निवासी पीड़िता रुचिका टंडन ने बताया कि एक अगस्त को उनके पास अंजान नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को TRAI का अधिकारी बताते हुए कहा कि मेरे नंबर के खिलाफ 22 शिकायतें हैं। इस वजह से यह नंबर बंद किया जा रहा है। उसके बाद आरोपी ने स्काइप डाउनलोड करने को कहा और अपने किसी सीबीआई अफसर राहुल गुप्ता से बात कराई। फर्जी सीबीआई अफसर ने कहा कि आपका नाम नरेश गोयल के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में आया है। जिसमें आपका अकाउंट यूज़ हुआ है। इसका पैसा वीमेन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग में इस्तेमाल हुआ है। कोर्ट के पास इसके सुबूत हैं। आपकी बातचीत की रिकॉर्डिंग भी हैं। इसके बाद आरोपी ने कहा कि कोर्ट में जमा करने के लिए कुछ जानकारी आपको देनी पड़ेगी वह दे दीजिए।आरोपियों ने पीड़िता के पास एक फॉर्म भेजा और उसकी सारी निजी जानकारी हासिल कर ली।
घर पर बताने से किया मना, सरकारी खाता बताकर ली रकम
फर्जी सीबीआई अधिकारी ने रुचिका से कहा कि मेरी रिक्वेस्ट पर आपकी गिरफ्तारी न कर के आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाएगा और आपसे पूछताछ होगी। इस दौरान आपको प्रॉपर्टी आदि का विवरण देना होगा। आप यह बात अपने घर में किसी को मत बताइएगा। आपके खातों में जमा रकम सरकारी खाते में ट्रांसफर की जाएगी और इसकी जाँच होगी। इसके बाद आरोपियों ने रुचिका को 7 विभिन्न बैंकों के खाते उपलब्ध कराए। खौफ में आई रुचिका ने 3 अगस्त से 8 अगस्त के बीच अपने 5 बैंक खातों से आरोपियों के खाते में कई बार में 2.81 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
लगातार रुपयों की डिमांड से हुआ ठगी का एहसास
आरोपियों ने रुचिका से लगातार पैसों की डिमांड जारी रखी। इसी वजह से उसे ठगी का एहसास हुआ। जिसके बाद 10 अगस्त को पीड़िता ने लखनऊ के साइबर थाने में ठगी का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे के आधार पर पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है। डीसीपी ईस्ट शशांक सिंह ने बुधवार की शाम को बताया कि शिकायत के बाद से मामले की लगातार जाँच की जा रही है। पीड़िता के द्वारा भेजे गए 27 लाख रुपये पुलिस ने फ्रीज करा लिए हैं। जबकि अन्य रुपयों को फ्रीज कराने के लिए बैंक के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।