Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में महिलाओं के विवाह की आयु और महिला अधिकारों की दुविधा पर हुई चर्चा
Lucknow News Today: लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने 18 जनवरी 2025 को विवाह की आयु और महिला अधिकारों की दुविधा विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया।;
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने 18 जनवरी 2025 को विवाह की आयु और महिला अधिकारों की दुविधा विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया। इस सत्र में कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों के प्रभावों पर चर्चा की गई, जिसमें महिलाओं के अधिकारों और इसके कार्यान्वयन से जुड़ी चुनौतियों को प्रमुखता दी गई।
सत्र की शुरुआत और मुख्य वक्ताओं का स्वागत
वेबिनार की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुई जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर निदेशक प्रो. आरके सिंह और डीन प्रो. बंशीधर सिंह ने मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना, मो. असद मालिक, और अन्य प्रतिष्ठित वक्ताओं का स्वागत किया। डॉ. राकेश कुमार सिंह ने विवाह की आयु में वृद्धि के कारणों पर विस्तृत चर्चा की और पुराने रीति-रिवाजों के प्रभावों को भी उजागर किया।
सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से चर्चा
इस दौरान न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने विवाह की आयु बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बाल विवाह को रोकने के उद्देश्य से इस निर्णय को महत्वपूर्ण बताया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
प्रोफेसरों और विशेषज्ञों की पैनल चर्चा
पैनल चर्चा में विभिन्न विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने विवाह की आयु में बदलाव को लेकर विचार-विमर्श किया। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर किरण गुप्ता ने विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों की तुलना की, जबकि डॉ. जय शंकर सिंह ने शारीरिक और मानसिक परिपक्वता को ध्यान में रखते हुए बेहतर चिकित्सा पेशेवरों की सहभागिता का सुझाव दिया।
महिला अधिकारों और विवाह की आयु पर विविध प्रस्तुतियां
वेबिनार में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, शोधकर्ताओं, और छात्रों ने विवाह की आयु पर कई महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया जैसे बाल विवाह के सामाजिक और कानूनी प्रभाव, महिलाओं के अधिकारों पर आयु के प्रभाव, और विवाह कानूनों के ऐतिहासिक संदर्भ इत्यादि।
देश-विदेश से प्रतिभागिता
वेबिनार में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ घाना और श्रीलंका से भी लोग जुड़े। यह आयोजन प्रो. बंशीधर सिंह के संरक्षण और प्रो. राकेश कुमार सिंह के संयोजन में हुआ। इस वेबिनार में वारालिका निगम और प्रदीप कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और यह आयोजन महिलाओं के विवाह अधिकारों पर जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।