यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था के कारण निवेश में हुई वृद्धि: नीरज सिंह
Lucknow News: संगोष्ठी में प्रदेश को उभरते हुए आर्थिक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने, रोजगार के अवसर उत्पन्न करने तथा विकास को गति देने की राजनैतिक प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने एसोचैम उत्तर प्रदेश की सहभागिता से 'एक नगर का विकास एवं उन्नति एक नेता का सर्वोच्च कर्तव्य है' शीर्षक आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें नगर विकास में नेतृत्व की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला गया। आयोजन में लखनऊ के आर्थिक तथा सांस्कृतिक विकास हेतु बौद्धिक संपदा के महत्व को बताया गया। कार्यक्रम का संचालन मुकेश सिंह द्वारा किया गया।
उत्तर प्रदेश को आर्थिक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने पर जोर
आयोजन के मुख्य अतिथि, यंग बिजनेस लीडर्स फोरम उप्र राज्य परिषद फिक्की के अध्यक्ष नीरज सिंह ने विकास एवं उन्नयन में नगरीय नेतृत्व के दायित्व को बताया । उन्होंने बताया कि कैसे बेहतर कानून व्यवस्था तथा राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त विशेष रियायतें एवं प्रोत्साहनों द्वारा निर्मित अनुकूल वातावरण से उत्तर प्रदेश में निवेश की सुगमता में वृद्धि हुई है। उन्होंने प्रदेश को उभरते हुए आर्थिक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने, रोजगार के अवसर उत्पन्न करने तथा विकास को गति देने की राजनैतिक प्रतिबद्धता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि "एक शहर सिर्फ अवसंरचना के निर्माण से आगे नहीं बढ़ता, उसमें एक जीवंत ईकोसिस्टम भी होना आवश्यक है जहां समुदाय फल-फूल सकें। प्रभावी नगरीय नेतृत्व में आर्थिक जीवन शक्ति, सामाजिक समावेशिता, पर्यावरणीय स्थिरता और सांस्कृतिक संवर्धन को शामिल करने वाला एक समग्र दृष्टिकोण समाहित होता है।
उन्होंने कहा कि हम लखनऊ और उत्तर प्रदेश को व्यापक विकास की दिशा में ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं, संगोष्ठी में शहर की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने शहर के विकास पथ और इसके सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। चर्चा प्रगतिशील परिवर्तन हेतु प्राथमिक उत्प्रेरक के रूप में नेतृत्व के उपयोग पर केंद्रित रही।
इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि नम्रता पाठक और अपर्णा यादव उपस्थित थीं। उपस्थिति में उल्लेखनीय गणमान्य व्यक्तियों में मुकेश सिंह, प्रमुख थिएटर कार्यकर्ता और अभिनेता अनिल रस्तोगी, डीपी सिंह, जयंत कृष्णा, प्रवीण द्विवेदी, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे।