Lucknow News: बढ़ती ठंड के साथ लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में बढ़े सांस व हार्ट की बीमारी से ग्रसित मरीज, 50 से अधिक उम्र वालों की संख्या अधिक
Lucknow News: बीते कुछ दिनों से ठंड के मौसम में अचानक हुई वृद्धि के चलते राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में हार्ट की बीमारी से जुड़े मरीज अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं।;
heart diseases patient increase balrampur hospital and KGMU lucknow in cold weather (Social Media)
Lucknow News: बीते कुछ दिनों से ठंड के मौसम में अचानक हुई वृद्धि के चलते राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में खांसी जुकाम, हार्ट और सांस की बीमारियों से जुड़े मरीजों में इजाफा होता नजर आ रहा है। इन बीमारियों से जुड़े मरीजों में अधिकतर संख्या बच्चों व 50 की उम्र से अधिक वाले व्यक्तियों या बुजुर्गों की बताई जा रही है। लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में हार्ट की बीमारी से जुड़े मरीज अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल में खांसी और ब्लड प्रेशर के मरीजों में हुआ इजाफा
बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि अचानक बदले मौसम की वजह से अस्पताल की ओपीडी में खांसी, जुकाम, सांस व ब्लड प्रेशर जैसी शिकायतों के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इन मरीजों में बीते कुछ समय से 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इन मरीजों में भी 50 से अधिक की उम्र वाले ऐसे लोग हैं, जो हार्ट या हार्ट अटैक जैसी समस्या लेकर अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं।
KGMU में बढ़े कार्डियो के पेशेंट
KGMU के PRO डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि बदलते मौसम के साथ अस्पताल में खांसी, जुकाम और बुखार के साथ कार्डियो के पेशेंट्स की बढ़ोतरी देखी गई है। कार्डियो के मरीजों को जांच के आधार पर निरंतर उचित उपचार दिया जा रहा है। साथ ही खांसी, जुकाम और बुखार जैसी समस्या लोगों में सिर्फ बढ़ती सर्दी की वजह से देखने को मिल रही है। ऐसे में वायरल के आधार पर उन्हें जरूरी उपचार देते हुए गर्म कपड़े पहनने व एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है।
DG हेल्थ की ओर से सरकारी अस्पतालों को दिए गए जरूरी निर्देश
बदलते मौसम के साथ बढ़ते वायरल को देखते हुए प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है, जिसके चलते प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ के साथ साथ यूपी के DG हेल्थ की ओर से भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है। मरीजों की मौजूदा बीमारी से संबंधित दवाओं का स्टॉक रखने के साथ-साथ गंभीर मरीजों पर विशेष निगरानी और उन्हें बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।