IAS Surya Pal Gangwar: असफलताओं से नहीं मानी हार, मेहनत-लगन के दम पर आईएएस बने सूर्यपाल गंगवार
IAS Surya Pal Gangwar: आईएएस अफसर सूर्यपाल गंगवार मूल रूप से उत्तर प्रदेष के बरेली जनपद के बिथरी गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म पांच अगस्त 1977 को हुआ था।
IAS Surya Pal Gangwar: सिविल सर्विस परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर युवा का सपना होता है कि वह आईएएस अधिकारी बने और प्रशासनिक सेवा करे। ऐसे में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे युवाओं के लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। आईएएस अधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने अपने करियर में तमाम मुश्किलों के बावजूद भी हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत की। आइए जानते हैं कौन है आईएएस अधिकारी सूर्यपाल गंगवार।
कौन हैं आईएएस सूर्यपाल गंगवार (Who is IAS Suryapal Gangwar)
आईएएस अफसर सूर्यपाल गंगवार (Surya Pal Gangwar IAS) मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के बिथरी गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म पांच अगस्त 1977 को हुआ था। उनके पिता अध्यापक थे। सूर्यपाल गंगवार के अनुसार उनके पिता के चलते घर में अनुशासन सख्त था।
आईएएस सूर्यपाल गंगवार ने शुरूआती शिक्षा दीक्षा नवाबगंज कस्बे के निजी विद्यालय से हुई थी। इसके बाद बरेली के नवोदय विद्यालय से 12वीं तक पढ़ाई पूरी की। आईआईटी रूड़की से उन्होंने इंजीनियरिंग की। आईआईटी रूड़की से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद इलेक्ट्रिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (ईएससी) और फिलिप्स इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों में काफी दिनों तक काम किया।
पहली बार 2004 में दिया यूपीएससी
साल 2003 में पढ़ाई पूरी करने के बाद सूर्यपाल गंगवार का चयन एयर इंडिया लिमिटेड, दिल्ली में इंजीनियर के पद पर हुआ। साल 2008 तक उन्होंने एयर इंडिया में काम किया। इसी दौरान उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी और साल 2004 में पहली बार देश की सबसे कठिन परीक्षा में शामिल हुए। पहली बार में उन्होंने सफलता नहीं मिली। लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि यूपीएससी क्रेक करना है। इसीलिए उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और 2005 में फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। लेकिन इस बार भी उन्हें असफलता ही हाथ लगी।
तीन बार असफलता का मुंह देखने के बाद भी उन्हें धैर्य बनाये रखा और साल 2007 में परचम लहराया। उन्होंने यूपीएससी में 476 रैंक हासिल हुई। वह आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) में सहायक आयुक्त के रूप में चुने गये। आईआरएस में चयन के बाद भी उनका सपना अधूरा था। इसलिए काम करते हुए उन्होंने साल 2008 में फिर सिविल सर्विस की परीक्षा दी।
इस बार आखिरकार वह देश भर में 8वीं रैंक हासिल कर आईएएस बन ही गए। वह अपनी प्रशासनिक सेवा के दौरान हापुड, हाथरस, सीतापुर, रायबरेली, सिद्धार्थ नगर और फिरोजाबाद जनपदों के जिलाधिकारी पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्तमान में वह लखनऊ के डीएम पद का कार्यभार देख रहे हैं।