Dog Bite Cases: लखनऊ में कुत्तों का आतंक, रोज 200 लोगों को कर रहे जख्मी
Dog Bite Cases: राजधानी लखनऊ में कुत्तों को आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। यह आतंक कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। प्रतिदिन कुत्तों के काटने के आ रहे हैं लगभग 200 मामले। कुत्तों के आतंक को लेकर बच्चे और बूढ़े सभी प्रभावित हैं।
Dog Bite Cases: राजधानी लखनऊ में कुत्तों को आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। यह आतंक कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। प्रतिदिन कुत्तों के काटने के आ रहे हैं लगभग 200 मामले। कुत्तों के आतंक को लेकर बच्चे और बूढ़े सभी प्रभावित हैं। प्रतिदिन राजधानी में लगभग 200 लोग आवारा कुत्तों के काटने से प्रभावित हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में रेबीज से टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। टीके लगवाने में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की बताई जा रही है।
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ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहर में अधिक है कुत्तों का आतंक
ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहर में अधिक है आवारा कुत्तों का आतंक। डॉक्टर कहते हैं कि यह प्रति दिन 200 से 250 मरीज़ रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल आते हैं। पुराने लखनऊ में यह समस्या अधिक देखी जा रही है। 60 फीसदी मामले पुराने लखनऊ से हैं। बलरामपुर हॉस्पिटल में सबसे अधिक आवारा कुत्तों के हमले और रेबीज इन्जेक्शन के मामले देखे गए हैं। यहाँ प्रतिदिन लगभग 150 मरीज रेबीज इंजेक्शन लगवाने आते हैं। इसमें 70 से 80 नए मरीज शामिल हैं।
डॉक्टर देव श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल हजरतगंज कहते हैं “बीते 1 साल में आवारा कुत्तों के काटने के मामले दिन पर दिन बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन अधिक संख्या में बच्चे और बूढ़े रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल आते हैं। लखनऊ में खासतौर से पिटबुल कुत्ते का अधिक आतंक है जिसने कई शहर वासियों को घायल और मृत कर दिया है। शहर के सभी कुत्तों की संख्या और जांच समय-समय पर लखनऊ नगर निगम द्वारा कराई जानी चाहिए जिससे शहरवासी सुरक्षित रह सकें।”
केजीएमयू में आवारा कुत्ते ने डॉक्टर समेत पांच लोगों को काटा
केजीएमयू में घूम रहे आवारा कुत्ते ने दो डॉक्टर समेत अन्य तीन लोगों को काट लिया। ये लखनऊ का 16वॉ मामला है। बीतें समय में सात पालतू जानवरों के मामले और आठ आवारा कुत्तों ने मामूले सामने आए हैं। पीड़ितों का केजीएमयू में ही इलाज करवाया गया। लखनऊ विकास प्राधिकरण के आने पर पता चला कि काटने वाला आवारा कुत्ता रेबीज की बीमारी से पीड़ित था। डॉक्टरों का कहना है की वे भी इस बिमारी से कुत्ते और उत्तेजित होते हैं एवं एक हफ्ते के अंदर उनकी मृत्यु की अधिक संभावना होती है।
यहाँ लग रहे हैं रेबीज के इंजेक्शन
बलरामपुर अस्पताल: 150-180
सिविल अस्पताल: 100-130
लोकबंधु अस्पताल: 50-80
टीबी अस्पताल: 40-60
सीएचसी गोसाईंगंज: 30-40
सीएचसी सरोजिनी नगर: 25-30
सीएचसी मोहनलालगंज: 30-40