Lucknow Bulldozer Action: सीतापुर रोड पर चला एलडीए का बुलडोजर, ढहाए अवैध निर्माण

स्थानीय लोगों ने अधिकारियों पर बलपूर्वक कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एलडीए के खिलाफ ध्वस्तीकरण को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। आज इसकी सुनवाई की तारीख थी, इसके बावजूद अधिकारियों ने जबरन फोर्स बुलाकर यहां बुलडोजर की कार्रवाई करवा दी।

Report :  Raj Kumar Singh
Update:2024-09-30 20:05 IST

सीतापुर रोड पर चला एलडीए का बुलडोजर (newstrack)

Lucknow Bulldozer Action: लखनऊ की सीतापुर रोड पर सोमवार को एलडीए का बुलडोजर गरजा। यहां अधिकारियों एवं पुलिस बल की मौजूदगी में करीब 50 छोटे बड़े अवैध निर्माण जमींदोज कर दिए गए। इसमें बड़ी संख्या में मकान, दुकान और झुग्गियां शामिल थी। एलडीए अधिकारियों का कहना है कि यह सभी निर्माण अवैध रूप से किए गए थे। इस वजह से जमीन को खाली कराकर इसे अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। जबकि लोगों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बिना नोटिस दिए निर्माण पर बुलडोजर चला दिए। इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध जताया है। सोमवार को देर शाम तक यह कार्रवाई जारी रही।

कोर्ट में चल रहा है केस

अधिकारियों पर जबरन कार्रवाई का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि एलडीए के खिलाफ ध्वस्तीकरण को लेकर यह मामला कोर्ट में चल रहा है। आज इसकी सुनवाई की तारीख भी थी इसके बावजूद अधिकारियों ने जबरन फोर्स बुलाकर यहां बुलडोजर कार्रवाई करा दी। कार्रवाई से नाराजगी जताते हुए लोगों ने प्रदर्शन भी किया है। हालांकि मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस और एलडीए के अतिक्रमण रोधी दस्ते के आगे लोगों की एक न चली और एलडीए के बुलडोजर देर शाम तक कार्रवाई में लगे रहे।

कल भी हो सकती है कार्रवाई

माना जा रहा है कि मंगलवार को भी एलडीए यहां बचे हुए निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर सकता है। साथ ही यहां से मलबा हटाने का काम भी शुरू किया जाएगा। सोमवार को अभियान के दौरान यहां दिन भर हंगामा जारी रहा। दूसरी ओर वहां मौजूद दुकानदार और स्थानीय निवासी भी इस कार्रवाई का विरोध जताते रहे। ज्ञात हो कि इसके पहले अकबरनगर में भी एलडीए ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया था। इसमें भी एलडीए अधिकारियों को भयंकर विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि कोर्ट से आदेश आने के बाद एलडीए ने अकबर नगर को ध्वस्त कर दिया था। अब वहां पर सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर शक्ति और सौमित्र वन विकसित किए जा रहे हैं।

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