Lucknow News: गोमा के जल से मनकामेश्वर मंदिर में हुआ भगवान शिव का अभिषेक

Lucknow News: आज गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गोमती माता के पावन जल से सैकड़ों धर्माचार्यों और समाजसेवियों ने प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में महादेव का जलाभिषेक किया।

Written By :  Santosh Tiwari
Update: 2024-06-16 13:53 GMT

गोमा को बचाने का संकल्प लेते लोग। Photo- Newstrack 

Lucknow News: आज गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गोमती माता के पावन जल से सैकड़ों धर्माचार्यों और समाजसेवियों ने प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में महादेव का जलाभिषेक किया। इस दौरान मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरी ने सभी को आजीवन नदी, जलाशय समेत सभी जल स्रोतों की रक्षा करने के साथ ही उन्हें स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में लोगों ने जाति धर्म से ऊपर उठकर इस संकल्प को निभाने का प्रण लिया। लोगों ने नदियों एवं जलाशयों में प्लास्टिक की सामग्री और सिंथेटिक मटेरियल और इस्तेमाल की जा चुकी पूजन सामग्री को भी न फेंकने का संकल्प लिया। 

निकाली गई गोमती गौरव पद यात्रा

गोमती गौरव यात्रा। Photo- Newstrack 

इस अवसर पर महंत देव्या गिरी ने गोमती गौरव पदयात्रा का भी आयोजन किया। गोमा तट से शुरू हुई यात्रा पक्का पुल स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर पर संपन्न हुई। रास्ते में विभिन्न जगहों पर स्थानीय लोगों ने यात्रा का स्वागत किया और इसमें शामिल धर्माचार्यों और समजसेवियों को भी सम्मानित किया। यात्रा में शामिल लोगों के साथ ही सैकड़ों अन्य लोगों ने जीवनदायिनी माँ गोमती को निर्मल एवं प्रदूषण रहित रखने का संकल्प लिया।

यह विभूतियाँ यात्रा में हुई शामिल

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में महंत रामसेवक दास, महंत कौशिक चैतन्य, महंता खुशबू दिनेशानंद, महंत विवेक तागड़ी जी समेत कई कथावाचक और धर्माचार्य मौजूद रहे। इसके साथ ही लोकभारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री ब्रजेन्द्र पाल सिंह, सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय, राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख श्री कृष्ण चौधरी तथा सैकड़ों की संख्या में समाजसेवक व अन्य लोग उपस्थित रहे।   

जीवनदायिनी हैं माँ गोमती

शहर के बीच से होकर निकलने वाली गोमती नदी को लखनऊ की जीवनदायिनी कहा जाता है क्यों कि सारे शहर की प्यास गोमती के जल से ही बुझती है। लोगों के साथ जीव-जंतुओं के लिए भी गोमती किसी वरदान से कम नहीं है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक गोमती हजारों परिवारों की आजीविका का आधार भी है। हालाँकि वर्तमान दौर में गोमा सरकारी उपेक्षा का शिकार है और इसका अस्तित्व लगातार सिमटता जा रहा है। शहरवासी लगातार सरकार से गोमती को बचाने की गुहार लगा रहे हैं।

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