Lucknow University: संबद्ध कॉलेजों ने नहीं अपलोड़ किए प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक, कल तक है आखिरी मौका

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक चढ़ाने के लिए पहले 10 जनवरी की तारीख़ तय की गयी थी। लेकिन सौ से अधिक कॉलेजों के अंक न अपलोड़ करने की वजह से यह तारीख दूसरी बार बढ़ानी पड़ी।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-01-19 06:37 GMT

Lucknow University   (photo: social media )

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक चढ़ाने के लिए 20 जनवरी तक का समय दिया गया है। विश्वविद्यालय में विषम सेमेस्टर परीक्षा-2023 के तहत कॉलेजों को विद्यार्थियों के वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने थे। लेकिन कई कॉलेजों ने अलग-अलग पाठ्यक्रमों के अंक अपलोड नहीं किए।

दूसरी बार बढ़ाई गयी है तारीख़

लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक चढ़ाने के लिए पहले 10 जनवरी की तारीख़ तय की गयी थी। लेकिन सौ से अधिक कॉलेजों के अंक न अपलोड़ करने की वजह से यह तारीख दूसरी बार बढ़ानी पड़ी। अब वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक अपलोड़ करने के लिए संबद्ध कॉलेजों को 20 जनवरी तक का समय दिया गया है।

बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को होती है समस्या

विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के अंक न भरने की वजह से इन कॉलेजों के पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों को रिजल्ट देरी से प्राप्त होता है। साथ ही वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक न अपलोड़ होने के कारण उनके रिजल्ट में एब्सेंट लिखा होता है। साल 2020 में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद से कई पाठ्यक्रमों के विषयों में वाइवा और प्रैक्टिकल की परीक्षाएं होती हैं।

देरी से जारी होता है रिजल्ट

संबद्ध कॉलेजों की देरी से विश्वविद्यालय को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग को छात्र-छात्राओं के रिजल्ट जारी करने में विलंब होता है। वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंकों के बिना परीक्षा विभाग किसी का भी रिजल्ट नहीं करता है। कॉलेज अगर किसी भी छात्र या छात्रा का अंक समय से नहीं अपलोड़ करते हैं तो विद्यार्थियों के रिजल्ट में एब्सेंट लिख दिया जाता है। जिसके कारण छात्र और छात्राएं भी काफी परेशान हो जाते हैं।

छात्र माने जाते हैं एब्सेंट

विश्विविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के अंक न अपलोड करने की वजह से छात्र-छात्रओं के रिजल्ट में एब्सेंट लिख दिया जाता है। यदि कॉलेज किसी छात्र के वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक समय से विश्वविद्यालय को नहीं उपलब्ध कराते हैं। तब उनके रिजल्ट में एब्सेंट का निशान लगा दिया जाता है।

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